उन्नाव में शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों ने 1 अप्रैल को काला दिवस मनाते हुए नई पेंशन नीति का विरोध किया। काली पट्टी बांधकर कार्य करते हुए पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई। पूरी खबर पढ़ें।
उन्नाव: शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए भविष्य की आर्थिक समस्याएं एक गंभीर संकट बनती जा रही हैं। वर्तमान समय में परिवार चलाने के लिए औसतन 35 से 40 हजार रुपये की आवश्यकता होती है, लेकिन नई पेंशन नीति के तहत भविष्य में केवल 5 हजार रुपये मिलना संभावित है। इसी मुद्दे पर अटेवा (अखिल भारतीय शिक्षक एवं कर्मचारी संगठन) के आह्वान पर 1 अप्रैल को पूरे जनपद में काला दिवस मनाया गया।
सरकार के फैसले पर शिक्षकों की नाराजगी
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संजीव संखवार ने कहा कि शिक्षक और कर्मचारी कठिन परीक्षाओं के बाद सरकारी सेवा में आते हैं और पूरी ईमानदारी से अपना कार्य करते हैं। ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन योजना से वंचित करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने “एक देश, एक नियम” लागू करने की मांग उठाई।
कार्यालयों और स्कूलों में दिखा विरोध प्रदर्शन
जिले के सभी विकासखंडों, कार्यालयों, अस्पतालों और तहसीलों में शिक्षकों और कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपने कार्य निपटाए। जहां नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत का उत्सव मनाया गया, वहीं सरकार द्वारा शिक्षकों के भविष्य को लेकर खड़ी की गई आर्थिक समस्याओं के समाधान की गुहार भी लगाई गई।
1 मई को बड़े आंदोलन की तैयारी
संगठन के महामंत्री डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने शिक्षकों की एकता को मजबूती देने पर जोर दिया और 1 मई को बड़े स्तर पर आंदोलन करने की घोषणा की। उन्होंने अटेवा को पूरा समर्थन देने का संकल्प लिया।
संगठनों का व्यापक समर्थन
इस विरोध प्रदर्शन में अटेवा जिला संयोजक अर्पित मिश्र, डाइट उन्नाव प्रवक्ता ब्रजेश यादव, अमित राय, शिल्पा त्रिपाठी, अनुपम मिश्र, विवेक तिवारी, भरत चित्रांशी, कृष्ण शंकर मिश्र, संजीव संखवार सहित सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी शामिल हुए।
महिला शिक्षिकाओं में शशि देवी, रमन जीत कौर, शाहे खुबा, लक्ष्मी यादव, रीता कुशवाहा, रमाकांति, दिव्यांश आदि ने भी नई पेंशन नीति के खिलाफ जोरदार विरोध जताया।
औरास ब्लॉक में भी दिखा विरोध का असर
नरेंद्र सिंह को औरास प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन का नया ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने ब्लॉक संयोजक प्रदीप यादव के साथ काली पट्टी बांधकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बुलंद किया।
शिक्षकों की मांग – पुरानी पेंशन बहाल की जाए
शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल की जाए ताकि वे भविष्य की आर्थिक अनिश्चितताओं से सुरक्षित रह सकें। इस मुद्दे को लेकर आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
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Author: samachardarpan24
जिद है दुनिया जीतने की