google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
वाराणसी

चुनावी गड़बड़ी या सच्चाई? अविवाहित व्यक्ति के 48 बेटे, 13 का जन्म एक ही दिन!

IMG-20250425-WA1620
IMG-20250425-WA0001
IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
182 पाठकों ने अब तक पढा

जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां वोटर लिस्ट में एक अविवाहित व्यक्ति के 48 बेटों के नाम दर्ज किए गए हैं। यह लिस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिससे चुनाव आयोग (EC) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। खास बात यह है कि इन 48 में से 13 बेटों की जन्मतिथि एक ही दिन दर्ज है, जिससे यह मामला और भी संदिग्ध लग रहा है।

48 बेटों के पिता कौन?

जिस व्यक्ति को 48 बेटों का पिता बताया गया है, उनका नाम स्वामी रामकमल दास है। वे वाराणसी के गुरुधाम राम जानकी मंदिर के संस्थापक हैं। दिलचस्प बात यह है कि वोटर लिस्ट में सभी 48 बेटों के पते के रूप में गुरुधाम मंदिर का ही पता दर्ज है।

समान उम्र के कई बेटे, बढ़ी हैरानी

वायरल वोटर लिस्ट में अजीब संयोग यह भी है कि कई कथित बेटों की उम्र एक जैसी है।

13 बेटे 37 साल के हैं

5 बेटे 39 साल के हैं

4 बेटे 40 साल के हैं

बाकी सभी की उम्र 42 साल बताई गई है

इस गड़बड़ी ने न सिर्फ चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि वोटर लिस्ट की प्रामाणिकता पर भी बहस शुरू कर दी है।

सोशल मीडिया पर उठे सवाल

जैसे ही यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने भारतीय चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता पर संदेह जताया। कई यूजर्स ने सवाल किया कि अगर एक अविवाहित व्यक्ति के 48 बेटे दिखाए जा सकते हैं, तो वोटिंग प्रक्रिया में और कितनी गड़बड़ियां हो सकती हैं?

क्या कहता है चुनाव आयोग?

जब इस मुद्दे पर चुनाव आयोग (EC) से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट में कोई गलती नहीं हुई है। आयोग ने बताया कि मंदिरों में रहने वाले कई साधु-संन्यासियों ने अपने पिता के नाम की जगह मंदिर के प्रधान का नाम दर्ज कराया है। चूंकि संन्यास लेने के बाद वे घर-परिवार छोड़ देते हैं, इसलिए उन्हें मंदिर या मठ से ही जोड़ा जाता है। इसी वजह से स्वामी रामकमल दास का नाम कई साधुओं के पिता के रूप में दर्ज हो गया।

इस अजीबोगरीब घटना ने भले ही वोटर लिस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हों, लेकिन चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण के बाद स्थिति काफी हद तक साफ हो गई है। हालांकि, इस तरह की गड़बड़ियों से बचने के लिए चुनाव प्रक्रिया में अधिक सतर्कता और सुधार की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी गलतफहमियां न पैदा हों।

👉समाचारों से अपडेट रहें हमारे साथ

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close