संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 28 नवंबर को चित्रकूट दौरे पर थे। इस दौरान उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। मुख्यमंत्री के काफिले के बीच अचानक सड़क पर चल रही एक गाय आ गई। गनीमत रही कि इस घटना में किसी तरह का बड़ा हादसा नहीं हुआ और सीएम के काफिले की कोई गाड़ी गाय से नहीं टकराई। हालांकि, इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामला गंभीर हो गया और इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।
घटना की पूरी जानकारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम योगी का काफिला चित्रकूट में एक कार्यक्रम के लिए जा रहा था। इस दौरान सड़क पर मौजूद एक सांड और गाय अचानक काफिले के बीच आ गए, जिससे काफिले को रोकना पड़ा। मौके पर तैनात पुलिसकर्मी तत्काल हरकत में आए और पशुओं को खदेड़ने की कोशिश की। घटना के बाद नगर पालिका के कैटल कैचर की मदद से गाय को रास्ते से हटाया गया और गोशाला भेज दिया गया।
जांच रिपोर्ट का खुलासा
घटना की जांच रिपोर्ट चित्रकूट के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और नगर पालिका परिषद के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने भेजी है। रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ गोपालक अपने पशुओं को घास चराकर वापस ला रहे थे। इसी दौरान, एक गाय उत्तेजित होकर मुख्यमंत्री के काफिले के सामने आ गई। इस घटना को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि मुख्यमंत्री जैसे वीआईपी व्यक्ति की सुरक्षा के दौरान ऐसी चूक कैसे हुई।
अखिलेश यादव का तीखा हमला
इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर अखबार की कटिंग और घटना से जुड़ी रिपोर्ट पोस्ट करते हुए लिखा, “कुछ लोगों को तब ही किसी समस्या की गंभीरता समझ आती है, जब वही समस्या उनके जीवन के लिए खतरा बनकर सामने आती है।”
उन्होंने छुट्टा पशुओं की समस्या पर योगी सरकार को घेरते हुए लिखा कि यह मुद्दा बेहद गंभीर है और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को अब इस विषय पर ध्यान देना चाहिए और इस समस्या के समाधान के लिए नियुक्त अधिकारियों से न केवल उनके काम का, बल्कि इस समस्या के लिए आवंटित अरबों के बजट का भी हिसाब लेना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और जनता की चिंता
इस घटना ने न केवल सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। जनता भी इस समस्या के समाधान की उम्मीद कर रही है, क्योंकि छुट्टा पशुओं के कारण आए दिन दुर्घटनाएं और अन्य समस्याएं सामने आती रहती हैं।
यह घटना न केवल एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि छुट्टा पशुओं की समस्या का जल्द समाधान करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अब इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपेक्षा की जा रही है।