वाराणसी के भोजूबीर इलाके में आंधी के कारण टूटकर गिरे बिजली के तार ने एक ही परिवार के तीन लोगों की जान ले ली। महिला, पति और ससुर की करंट से मौत हो गई। जानिए हादसे की पूरी कहानी।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत भोजूबीर इलाके में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। तेज आंधी के बाद टूटकर गिरे बिजली के तार ने एक ही परिवार के तीन सदस्यों की जान ले ली। यह दर्दनाक हादसा सुबह करीब 9 बजे घटित हुआ।
दरअसल, सोमवार रात आई तेज आंधी-पानी के कारण बिजली का एक तार टूटकर घर के बाहर बंधे लोहे के कपड़े सुखाने वाले तार पर गिर गया था। अगली सुबह, सोनू जायसवाल की पत्नी प्रीति (28) धुले हुए कपड़े सुखाने बाहर निकलीं। जैसे ही उन्होंने गीले कपड़े तार पर डाले, वे बिजली की चपेट में आ गईं और तार से चिपक गईं।
इसके तुरंत बाद, पास खड़े उनके पति सोनू जायसवाल (30) ने पत्नी को बचाने की कोशिश की, लेकिन वे भी करंट की चपेट में आ गए। यह सब देख सोनू के पिता राजेंद्र जायसवाल (60) ने दौड़कर दोनों को बचाने की कोशिश की, परंतु वे भी बिजली की ताकत से नहीं बच पाए। देखते ही देखते तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मौके की स्थिति इतनी भयावह थी कि स्थानीय लोग तुरंत एकत्र हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा।
राजेंद्र जायसवाल अपने परिवार के साथ भोजूबीर की सब्जी मंडी के पास रहते थे। उनके परिवार में उनकी मां, दो बेटे – दिनेश और सोनू, बहू प्रीति और सोनू की दो बेटियां – शिवांगी (कक्षा 2) और नैंसी (एलकेजी) शामिल हैं। सोनू फास्ट फूड की दुकान चलाते थे जबकि राजेंद्र एक बेकरी में काम करते थे।
सबसे हृदय विदारक दृश्य तब देखने को मिला, जब सोनू की बेटियां स्कूल से लौटने के बाद अपने माता-पिता और दादा को जमीन पर पड़ा देखकर उन्हें जगाने लगीं। बच्चियों की मासूम पुकार सुनकर हर कोई भावुक हो गया।
यह हादसा न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि बिजली विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।
एक ही परिवार में तीन लोगों की करंट से हुई मौत ने पूरे भोजूबीर इलाके को शोक में डुबो दिया है। हादसा यह बताता है कि बिजली व्यवस्था में सुधार और टूटे तारों की तत्काल मरम्मत कितनी जरूरी है।