संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
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देवरिया के बहुचर्चित फतेहपुर कांड में बाल साक्षी प्रजेश उर्फ अनमोल की गवाही अपर सत्र न्यायाधीश संजय सिंह की अदालत में पूरी हो गई। यह गवाही पांच दिन तक चली, जिसमें अनमोल ने कई महत्वपूर्ण और चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए। उसने स्पष्ट रूप से कहा कि उसके भाई और जीजा ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या नहीं की थी।
घटना का विवरण
यह कांड 2 अक्टूबर 2023 को रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में हुआ था। इस घटना में प्रेमचंद यादव की हत्या के बाद आक्रोशित समर्थकों और परिजनों ने सत्यप्रकाश दूबे के परिवार के पांच सदस्यों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। यह हृदयविदारक घटना न केवल गांव, बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी उथल-पुथल का कारण बनी। इसने समाज में जातीय ध्रुवीकरण को और गहरा किया।
बाल साक्षी ने क्या कहा?
बाल साक्षी अनमोल ने अदालत में बताया कि उस पर चार-पांच फीट की दूरी से गोली चलाई गई थी, और वह बक्से के पीछे छिपकर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था। उसने 25 आरोपियों के नाम अदालत में उजागर किए और कहा कि इन्हीं लोगों ने उसके माता-पिता, भाई-बहन की हत्या की थी।
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अनमोल ने बताया कि उसके परिवार के सदस्यों को गोली मारने और पीटने के लिए चाकू और छोटी बंदूक का इस्तेमाल किया गया था। जब उससे इन हथियारों के आकार और प्रकार के बारे में पूछा गया, तो उसने कहा कि चोट लगने और बेहोशी की स्थिति के कारण वह इन हथियारों को ठीक से नहीं देख पाया।
गांव में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस हत्याकांड के बाद महीनों तक फतेहपुर गांव का लेहड़ा टोला पुलिस छावनी में तब्दील रहा। घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को गहरे सदमे में डाला, बल्कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए।
राजनीतिक प्रभाव
इस दर्दनाक घटना ने प्रदेश की राजनीति में जातीय ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया और कई दलों ने इसे अपनी राजनीति चमकाने का साधन बनाया। घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल लंबे समय तक बना रहा।
फतेहपुर कांड ने न्याय और कानून व्यवस्था को लेकर समाज में गहरी बहस छेड़ दी है। बाल साक्षी अनमोल की गवाही और किए गए खुलासों से मामले की दिशा अब स्पष्ट हो रही है। अदालत का अगला कदम और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।