अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
संसद भवन में हाल ही में हुए हंगामे और प्रदर्शन के दौरान फर्रुखाबाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए। घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुकेश राजपूत से फोन पर बातचीत कर उनकी सेहत की जानकारी ली। मुकेश राजपूत का इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में चल रहा है, जहां उनके सिर में लगी गहरी चोट का अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन किया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें अभी भी सिर में दर्द हो रहा है और चोट गंभीर है।
प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की में हुई चोटें
गुरुवार को संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। बाबा साहेब आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच दोनों पक्षों के सांसदों में धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस झड़प में बीजेपी के सांसद मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी घायल हो गए। सांसद मुकेश राजपूत ने मीडिया को बताया कि झड़प के दौरान उन्हें सिर में गंभीर चोट आई है। वहीं, प्रताप सारंगी ने कहा कि वह संसद की सीढ़ियों के पास खड़े थे, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया, जिसके चलते वह गिर गए और उन्हें भी चोट लग गई।
राहुल गांधी पर आरोप और सफाई
घटना के बाद प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की वजह से उन्हें चोट लगी। हालांकि, राहुल गांधी ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी को धक्का नहीं दिया और वह घटनास्थल से लौट गए। इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
अखिलेश यादव का तंज
इस घटना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों की ज़िंदगी कहानियों से भरी होती है, जिनमें सच्चाई कम और किस्से ज्यादा होते हैं। उन्होंने कहा, “यह एक नई कहानी है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। फर्रुखाबाद के बीजेपी सांसद के जीत के पीछे प्रशासन की भूमिका ज्यादा रही है, न कि जनता के वोट की।” उन्होंने सांसद के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा कि उन्हें सोचना चाहिए कि धक्का केवल उन्हें ही क्यों लगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी की बातचीत
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोनों घायल सांसदों से फोन पर बात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। पीएम मोदी ने उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दीं और अधिकारियों को उनके इलाज में किसी भी प्रकार की कमी न आने के निर्देश दिए।
संसद में बढ़ते हंगामे पर चिंता
इस घटना ने संसद में बढ़ते हंगामे और टकराव पर चिंता बढ़ा दी है। लोकतंत्र के मंदिर में इस प्रकार की घटनाओं ने न केवल संसदीय गरिमा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि जनता के बीच भी नकारात्मक संदेश दिया है। संसद में शांति और सहमति के साथ मुद्दों पर चर्चा के बजाय हिंसक झड़पों का यह दौर भारतीय राजनीति के लिए एक चिंताजनक संकेत है।