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18 December 2024 6:38 pm

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महाकुंभ में जा रहे हैं… हो जाइए सावधान, वरना ऐसी ठगी का शिकार हो जाएंगे जो जीवन भर रुला सकता है

103 पाठकों ने अब तक पढा

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

अगर आप महाकुंभ 2025 में जाने की योजना बना रहे हैं और होटल या टेंट बुकिंग के लिए ऑनलाइन माध्यम का सहारा ले रहे हैं, तो सावधान रहना बेहद जरूरी है। हाल के दिनों में प्रयागराज में होटलों और टेंट हाउस की फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही है। इस संबंध में कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई फर्जी वेबसाइटों को बंद किया है।

कैसे हो रही है ठगी?

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टेंट हाउस और होटलों की बुकिंग की जाती है। चूंकि श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है, इसलिए एडवांस बुकिंग का चलन बढ़ जाता है। इस बढ़ती मांग का फायदा उठाकर साइबर अपराधी नामी होटलों के नाम पर नकली वेबसाइटें बना रहे हैं। इन वेबसाइटों पर असली होटलों की तरह जानकारी दी जाती है, जिससे लोग भ्रमित हो जाते हैं। बुकिंग के नाम पर पैसे वसूलने के लिए QR कोड और फर्जी भुगतान गेटवे का इस्तेमाल किया जाता है।

50 से अधिक फर्जी वेबसाइटों का भंडाफोड़

पुलिस के अनुसार, होटल कान्हा श्याम, होटल अजय इंटरनेशनल, और मारवाड़ी धर्मशाला जैसे प्रसिद्ध होटलों के नाम पर फर्जी वेबसाइटें बनाई गई हैं। अब तक ऐसी 54 वेबसाइटों को बंद किया जा चुका है। साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार तिवारी ने बताया कि पुलिस की विशेष टीम ने इन वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

पुलिस की सख्ती और जांच अभियान

प्रदेश की साइबर पुलिस ने अब 44 और संदिग्ध वेबसाइटों को रडार पर लिया है। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, साइबर एक्सपर्ट्स की एक विशेष टीम श्रद्धालुओं को ठगी से बचाने के लिए काम कर रही है।

ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें

1. यूआरएल की जांच करें: बुकिंग से पहले वेबसाइट के यूआरएल (वेब पते) की बारीकी से जांच करें।

2. https और लॉक आइकन: सुनिश्चित करें कि वेबसाइट का यूआरएल https:// से शुरू होता हो और उस पर लॉक का आइकन हो।

3. विश्वसनीय स्रोतों से बुकिंग करें: केवल सरकारी वेबसाइट या प्रमाणित एजेंसियों के माध्यम से ही बुकिंग करें।

4. संदिग्ध फाइल इंस्टॉल न करें: बुकिंग के लिए किसी वेबसाइट या व्हाट्सएप लिंक से मिले APK फाइल को इंस्टॉल न करें।

क्या करें अगर ठगी हो जाए?

अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत नजदीकी साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही, हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके साइबर अपराध की जानकारी दें।

महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं, इसलिए सावधानी और जागरूकता से आप ठगी से बच सकते हैं और सुरक्षित यात्रा का आनंद ले सकते हैं।

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