google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
देवरिया

फर्जी वर्दी, सच्ची चालाकी : महिला के नकली दरोगा बनने की असली कहानी ने सबको चौंका दिया

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

धीरज तिवारी की रिपोर्ट

 देवरिया जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला फर्जी पुलिस सब-इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर घूमती पाई गई। इस महिला को देवरिया पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वह दो बच्चों और एक व्यक्ति के साथ बाइक पर यात्रा कर रही थी। पूछताछ में सामने आया कि महिला असल में पुलिस अधिकारी नहीं है, बल्कि उसने वर्दी दुकान से खरीदी थी।

भिंगारी बाजार में फर्जी दरोगा का खुलासा

यह मामला तब प्रकाश में आया जब खामपार थाना क्षेत्र के भिंगारी बाजार कस्बे में गश्त कर रहे थाना इंचार्ज महेंद्र चतुर्वेदी की नजर महिला दरोगा पर पड़ी। महिला, जो एक व्यक्ति के साथ बाइक पर पीछे बैठी थी, को देखकर पुलिस अधिकारी को कुछ संदेह हुआ। उन्होंने उसे रोककर पूछताछ शुरू कर दी। पहले तो महिला घबरा गई, लेकिन खुद को सामान्य करते हुए पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश करने लगी। हालांकि, पुलिस के सख्ती से पूछने पर उसकी पोल खुल गई।

किराया बचाने के लिए पहनी वर्दी

पकड़ी गई महिला ने अपना नाम रजनी दुबे बताया। उसने बताया कि वह लखनऊ में रहती है और किसी प्राइवेट फर्म में काम करती है। छठ पर्व के अवसर पर अपने घर आने के लिए उसने ट्रेन का सफर चुना, लेकिन भीड़ की वजह से उसे सफर में दिक्कत का सामना करना पड़ा। उसने बताया कि किराया बचाने और ट्रेन में आसानी से जगह पाने के लिए उसने एक पुलिस की वर्दी और स्टार खरीदा और दरोगा बनकर यात्रा की। इस तरीके से वह बिना टिकट के ही ट्रेन से देवरिया पहुंच गई।

महिला पर मुकदमा दर्ज, फिर निजी मुचलके पर छोड़ा गया

आप को यह भी पसंद आ सकता है  केंद्रीय मंत्री की फर्जी डीपी लगाकर लेखपालों का तबादला और अवैध वसूली, मचा हडकंप

रजनी ने पुलिस के सामने यह भी कबूल किया कि वह पिछले कई सालों से इसी तरह फर्जी दरोगा बनकर अपने घर आती रही है। पुलिस ने उसके इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। हालांकि, इस अपराध की सजा मात्र 3 महीने की होने के कारण, पुलिस ने उसे निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।

समाज में कानून का दुरुपयोग

इस घटना ने लोगों के बीच कानून और वर्दी के दुरुपयोग को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ यह घटना हास्यप्रद लग सकती है, वहीं दूसरी तरफ यह समाज में अनुशासनहीनता और व्यवस्था के प्रति लोगों की सोच को भी उजागर करती है। पुलिस वर्दी का उपयोग करके किराया बचाने के लिए फर्जीवाड़ा करना समाज में गलत संदेश देता है। इस तरह की घटनाएं न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि समाज के मूल्यों पर भी सवाल खड़ा करती हैं।

 

पुलिस की तत्परता की सराहना

इस मामले में खामपार थाना इंचार्ज महेंद्र चतुर्वेदी और उनकी टीम की सतर्कता की प्रशंसा हो रही है, जिन्होंने समय रहते एक फर्जी दरोगा का पर्दाफाश किया। यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक उदाहरण है कि किस तरह छोटी-छोटी सतर्कता बड़े मामलों का खुलासा कर सकती है।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  संस्कृति दीक्षित बीएचयू दीक्षांत समारोह में सम्मानित ; सोशल साईंस डीन केशव मिश्र ने भेंट की डिग्री

इस घटना ने पुलिस और जनता के बीच आपसी विश्वास की अहमियत को भी रेखांकित किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के मामलों से सबक लेते हुए भविष्य में कानून का सख्ती से पालन किया जाएगा।

259 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close