सुहानी परिहार की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के मऊगंज से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक प्रदीप पटेल एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार चर्चा का कारण है एक युवक को दी गई अनोखी सजा, जिसने पूरे गांव को भी इसके असर से प्रभावित कर दिया है। यह मामला बिजली के ट्रांसफार्मर से जुड़ा हुआ है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
ट्रांसफार्मर की शिकायत लेकर पहुंचा युवक, बना गुटखा चबाने की आदत का शिकार
घटना तब शुरू हुई जब मऊगंज गांव का एक युवक खराब बिजली ट्रांसफार्मर की शिकायत लेकर विधायक प्रदीप पटेल के जनता दरबार में पहुंचा। गांव में बिजली की समस्या के समाधान की उम्मीद लिए वह विधायक से ट्रांसफार्मर लगाने की गुहार लगा रहा था। लेकिन समस्या तब खड़ी हुई जब युवक ने विधायक के सामने ही गुटखा चबाना शुरू कर दिया।
विधायक ने दी गुटखा छोड़ने की सख्त हिदायत
विधायक प्रदीप पटेल ने युवक की इस आदत को देखकर कड़ा रुख अपनाया। गुटखा चबाते हुए युवक को देखकर वे गुस्से में आ गए और उन्होंने युवक को ट्रांसफार्मर लगाने के बजाय पहले गुटखा छोड़ने का आदेश दे दिया। इस दौरान उन्होंने युवक को सख्त लहजे में समझाया कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
युवक की मां से हुई फोन पर बात
विधायक प्रदीप पटेल ने अपनी नाराजगी यहीं तक सीमित नहीं रखी। उन्होंने युवक की मां को फोन किया और उनसे पूछा कि वह अपने बेटे को गुटखा खाने से क्यों नहीं रोक रही हैं। युवक की मां ने जवाब दिया, “आप बड़े अधिकारी हैं, साहब। आप ही उसे मना कर दीजिए।” इस पर विधायक ने तुरंत निर्णय लिया कि जब तक युवक अपनी गुटखा खाने की आदत नहीं छोड़ता, तब तक गांव में नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाया जाएगा।
पूरे गांव के लिए निकाला आदेश
इस अनोखे फैसले के बाद विधायक प्रदीप पटेल ने साफ शब्दों में घोषणा कर दी कि युवक के गुटखा छोड़ने तक गांव को ट्रांसफार्मर की सुविधा नहीं मिलेगी। इस फैसले से गांव के लोग दो धड़ों में बंट गए हैं। कुछ लोग विधायक के कदम की सराहना कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे अनुचित मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, विधायक के फैसले की हो रही तारीफ
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। विधायक की इस अनोखी सजा का अंदाज लोगों को खूब पसंद आ रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर ने लिखा, “यह कदम बिल्कुल सही है। गुटखा खाने की आदत के कारण सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलती है, ऐसे लोगों को सबक सिखाना जरूरी है।”
विवाद और चर्चा का विषय बना विधायक का फैसला
जहां कुछ लोग विधायक के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे जनहित के खिलाफ मान रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि बिजली जैसी बुनियादी सुविधा को व्यक्तिगत आदतों से जोड़कर देखना गलत है। लेकिन समर्थकों का मानना है कि ऐसे कदमों से ही समाज में अनुशासन और स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।
मऊगंज का यह मामला वर्तमान में न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्यभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। देखना दिलचस्प होगा कि विधायक प्रदीप पटेल का यह अनोखा फैसला कितना प्रभावी साबित होता है और क्या इससे युवक अपनी आदत को बदलने के लिए प्रेरित होता है।