संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट. चित्रकूट के रानीपुर टाइगर रिजर्व में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा में लगाए गए सुरक्षाकर्मी नदारद रहे, जिससे उनकी सुरक्षा में चूक का मामला उजागर हुआ।
प्रभारी मंत्री को भ्रमण कराने के लिए जिस जिप्सी वाहन का उपयोग किया गया, उसकी नंबर प्लेट फर्जी पाई गई। वाहन में दो अलग-अलग नंबर प्लेटें लगी थीं – एक पर यूपी 70 तो दूसरी पर यूपी 32 अंकित था। यह वाहन पहले सफेद रंग का था, लेकिन अब इसे हरे रंग में रंग दिया गया है। खास बात यह है कि इस जिप्सी वाहन का वन विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है, और यहां तक कि इस वाहन का ड्राइवर भी फर्जी निकला।
प्रभारी मंत्री बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के टाइगर रिजर्व का भ्रमण करने निकले, जबकि मुख्य वन संरक्षक द्वारा सुरक्षा की जिम्मेदारी चाक-चौबंद रखी जाने का दावा किया गया था। इस लापरवाही के कारण संभावित दुर्घटना का खतरा मंडरा रहा था, परंतु गनीमत रही कि कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
प्रश्न यह उठता है कि इतनी बड़ी लापरवाही क्यों और कैसे हुई? वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की गई इस लापरवाही से प्रभारी मंत्री के जीवन को खतरा उत्पन्न हो सकता था। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कब और क्या कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।