इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया, जिलाधिकारी (डीएम) दिव्या मित्तल ने आज मेडिकल कॉलेज का दौरा कर डेंगू के इलाज और उससे संबंधित तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि डेंगू मरीजों को निर्धारित मानकों के अनुसार उचित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के डेंगू वार्ड में 11 मरीज भर्ती मिले, जिनमें से दो मरीज बिहार से थे, जबकि बाकी स्थानीय निवासी थे। डीएम ने मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत कर अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं की स्थिति की जानकारी ली।
जिलाधिकारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में डेंगू मरीजों के लिए 20 बिस्तरों वाला विशेष वार्ड स्थापित किया गया है। यहां डेंगू की पुष्टि के लिए कंफर्मेटरी टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है। इस वर्ष 7 अक्टूबर तक जिले में 80 डेंगू के मामलों की पुष्टि हो चुकी है। सभी मरीजों को मच्छरदानी के अंदर रखा गया है और उन्हें हल्का भोजन दिया जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज 5 से 7 दिनों में ठीक होकर घर जा रहे हैं।
डीएम मित्तल ने नगर निकायों को निर्देश दिया कि नियमित रूप से फॉगिंग की जाए, साथ ही जलभराव वाले क्षेत्रों में मच्छरों की रोकथाम के लिए एंटी-लार्वा दवाओं का छिड़काव किया जाए।
नगर विकास विभाग ने फॉगिंग से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए टॉल फ्री नंबर 1533 जारी किया है। डीएम ने सार्वजनिक स्थलों पर झाड़ियों की कटाई और नालियों की सफाई का भी निर्देश दिया, जिससे मच्छरों के पनपने की संभावना को रोका जा सके।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश झा को निर्देश दिया कि डेंगू के मामलों में पूरी सतर्कता बरती जाए और अस्पतालों में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने आम जनता से अपील की कि मौसम परिवर्तन के इस समय में मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से बचने के लिए विशेष एहतियात बरतें। डीएम ने कहा कि टाइगर मच्छर, जो डेंगू फैलाने के लिए जिम्मेदार है, साफ पानी में पनपता है। इसलिए गमले, कूलर और पानी के अन्य बर्तनों को नियमित रूप से साफ करें। उन्होंने कहा कि शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें। अगर किसी को तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों में दर्द या उल्टी जैसे लक्षण महसूस हों, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर तुरंत जांच और उपचार कराएं। अस्पताल में मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मेडिकल कॉलेज के 42 बिस्तरों वाले नवनिर्मित पीकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड का भी जायजा लिया। उन्होंने एनपीसीसी (कार्यदायी संस्था) को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द वार्ड की कमियों को ठीक कर मेडिकल कॉलेज को हैंडओवर करें।
डीएम ने कहा कि पीकू वार्ड के चालू होने से बच्चों के इलाज की सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश बरनवाल, सीएमओ डॉ. राजेश झा, सीएमएस डॉ. एचके मिश्रा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
Author: News Desk
Kamlesh Kumar Chaudhary