google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
खास खबर

कैसा होगा….इसराइल में काम कर रहे यूपी के कामगारों और उनके परिवारों की बढ़ती चिंता…

IMG-20250425-WA1620
IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
Green Modern Medical Facebook Post_20250505_080306_0000
IMG-20250513-WA1941
124 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

ईरान और इसराइल के बीच बढ़ते तनाव का असर अब भारतीय परिवारों पर भी पड़ रहा है, खासकर उन परिवारों पर जिनके सदस्य इसराइल में काम कर रहे हैं। 

मंगलवार की रात जब ईरान ने मिसाइल हमले किए, तो भारत में उनके परिजन चिंतित हो उठे। कई भारतीय परिवार अपने प्रियजनों की सलामती के लिए दिन में कई बार वीडियो कॉल के जरिए उनकी खबर ले रहे हैं।

इसराइल में इस वक्त करीब 24,000 भारतीय रह रहे हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा पिछले एक साल के भीतर कामगार के रूप में वहां गए हैं।

इसराइल में मजदूरों की कमी को पूरा करने के लिए भारतीय श्रमिकों को वहाँ लाने की प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी, लेकिन अब इसराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण वहाँ मौजूद भारतीय कामगारों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के सालेहनगर के रहने वाले दिनेश सिंह, जो इसराइल में काम करते हैं, उनके परिवार में भी इस स्थिति को लेकर भारी चिंता है। 

उनकी पत्नी अनीता ने बताया कि दिनेश से सुबह वीडियो कॉल पर बात हुई थी, और रात में भी हमले के बाद उन्होंने फोन किया था। लेकिन कुछ समय बाद नेटवर्क की समस्या के कारण संपर्क टूट गया था, जिससे घरवालों की बेचैनी और बढ़ गई थी। अनीता ने उनसे वापस लौटने की बात भी की, पर दिनेश ने फिलहाल वहीँ रुकने की बात कही।

लखनऊ में इस साल जनवरी-फरवरी में इसराइल में काम करने के लिए लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, और इस समय वहां करीब 5,000 से ज्यादा भारतीय श्रमिक मौजूद हैं। 

इसराइल के तेल अवीव के पास रहने वाले राकेश सिंह ने भी अपने भाई से वीडियो कॉल के जरिए हालचाल लिया। उन्होंने बताया कि उनके भाई ने बताया कि कई मिसाइल हमले हुए, लेकिन ज्यादातर हवा में ही खत्म हो गए। हालांकि, जब भी सायरन बजता है, तो सभी को तुरंत बंकर में जाना पड़ता है।

गाँव के कई परिवार जिनके सदस्य इसराइल में काम कर रहे हैं, इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। वहीं, कुछ लोग इस तनाव के बावजूद भी वहां जाने की तैयारी कर रहे थे, क्योंकि इसराइल में मजदूरी के अच्छे पैसे मिल रहे थे। 

गाँव में रहने वाले महेंद्र सिंह के भाई को इसराइल में लगभग 1.85 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता है, जो भारत के ग्रामीण इलाकों में एक बड़ा आकर्षण है।

इसराइल में अभी भी भारतीय कामगारों की भारी मांग है, और इस मांग को पूरा करने के लिए भारत में विभिन्न स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 

सितंबर में इसराइली अधिकारियों का एक दल भारत आया था, और इसके बाद पुणे और लखनऊ में आईटीआई केंद्रों में लोगों का रजिस्ट्रेशन और प्रशिक्षण चल रहा है।

हालांकि, इस युद्ध की स्थिति ने इसराइल में काम कर रहे और जाने की तैयारी कर रहे लोगों के मन में चिंता पैदा कर दी है।

भारत में बेरोज़गारी की उच्च दर, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, इन कामगारों के लिए विकल्पों की कमी का कारण है, और यही कारण है कि वे इसराइल जैसे देशों में रोजगार की तलाश में जाते हैं। 

भारत में उनके परिजन उन्हें आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं कि वहाँ सब कुछ ठीक रहेगा, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता और आशंका बनी हुई है।

Author:

हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

Back to top button
Close
Close