चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
मुकीम अय्यूब खान का नाम आज ठगी और धोखाधड़ी की दुनिया में एक कुख्यात नाम बन चुका है। एक ऐसा शातिर अपराधी, जिसने 10वीं तक भी पढ़ाई नहीं की थी, लेकिन अपनी चालाकी और भावनात्मक धोखाधड़ी से 50 से अधिक महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर उनसे करोड़ों रुपये की ठगी की।
अय्यूब की ठगी का तरीका बेहद सोचा-समझा और सुनियोजित था। उसने उन महिलाओं को अपना निशाना बनाया जो तलाकशुदा थीं, विधवा थीं या फिर अकेलेपन से जूझ रही थीं। खासकर कामकाजी महिलाएं जो परिवार से दूर रहती थीं, उसके शिकार बनने के लिए सबसे आसान मानी जाती थीं।
धोखाधड़ी का जाल: भावनात्मक कहानियों से शुरूआत
अय्यूब का हर शिकार एक दर्दभरी कहानी से शुरू होता था। वह खुद को एक सरकारी विभाग में काम करने वाला बताता था, जिसकी तनख्वाह तो अच्छी थी, लेकिन उसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी और वह अपनी छोटी बेटी के सहारे जिंदगी काट रहा था।
वह अपने जीवन को एक कठिन संघर्ष के रूप में पेश करता, जिससे महिलाओं को उस पर तरस आने लगता था। अकेलेपन और भावनात्मक जुड़ाव की जरूरत के चलते महिलाएं उसके साथ एक भावनात्मक रिश्ता बनाने लगती थीं।
50 से ज्यादा महिलाओं को ठगा
एक बार जब महिलाएं उसकी बातों में फंस जातीं, तो अय्यूब धीरे-धीरे उनसे पैसे, गहने, और अन्य कीमती सामान मांगना शुरू करता। कुछ मामलों में तो वह शादी के नाम पर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेता था। जैसे ही उसे लगता कि महिला का भरोसा पूरी तरह जीत लिया है, वह अचानक गायब हो जाता।
उसकी ठगी की रणनीति इतनी परिपक्व और प्रभावशाली थी कि उसने न सिर्फ साधारण महिलाओं को, बल्कि हाई-प्रोफाइल महिलाओं को भी ठगा। यहां तक कि एक महिला जज भी उसकी बातों में आकर अपनी बेटी के लिए उससे रिश्ता तय करने पर विचार कर चुकी थीं।
मैट्रिमोनियल साइट्स पर फर्जी प्रोफाइल
अय्यूब ने ठगी के इस खेल की शुरुआत 2020 में की, जब उसने एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर अपना फर्जी प्रोफाइल बनाया। उस प्रोफाइल में उसने अपने बारे में झूठी जानकारी दी, खुद को गुजरात के वडोदरा का बताया और अपने पेशे को ऊंचा दिखाने के लिए सरकारी नौकरी का बहाना बनाया।
उसकी पहली बड़ी ठगी वडोदरा की एक तलाकशुदा महिला के साथ हुई। दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और अय्यूब ने महिला से मिलने का बहाना बनाया। पहली मुलाकात में ही उसने पर्स खोने का बहाना बनाकर उससे 30 हजार रुपये ऐंठ लिए।
इसके बाद उसने उस महिला से शादी कर ली, लेकिन जल्द ही उसे छोड़कर दूसरी महिलाओं को ठगने के लिए निकल पड़ा। अलग-अलग मैट्रिमोनियल साइट्स पर अपने फर्जी प्रोफाइल्स के जरिए उसने कई महिलाओं से संपर्क किया और उन्हें शादी का झांसा देकर ठगने लगा।
2023 में तीसरी शादी और फिर ठगी
2023 में अय्यूब ने दिल्ली के प्रीत विहार इलाके की एक विधवा महिला को निशाना बनाया। महिला ने अपने अकेलेपन और जिंदगी की कठिनाइयों से परेशान होकर अय्यूब पर भरोसा किया। अय्यूब ने उससे शादी कर ली, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसे ठगकर भाग निकला। उसने महिला से शादी के नाम पर लाखों रुपये ठगे, जिनमें शादी के लिए रिसॉर्ट बुक करने के पैसे भी शामिल थे।
ठगी के अनोखे तरीके
अय्यूब का तरीका सिर्फ भावनात्मक नहीं था, बल्कि उसने ठगी के नए-नए हथकंडे भी अपनाए। कई महिलाओं के नाम पर उसने महंगे मोबाइल फोन, गहने, और यहां तक कि गाड़ियां तक खरीदवाईं। बाद में वह इन्हें बेचकर फरार हो जाता था।
कभी-कभी वह किसी महिला के परिवार से मिलने दूसरे शहर जाता, तो यात्रा के लिए हवाई टिकट के पैसे भी उन्हीं से वसूल कर लेता था। एक बार उसने एक महिला के नाम पर स्कूटर बुक करवाया और बाकी की रकम उसी महिला से भरवाई। स्कूटर लेकर वह फिर गायब हो गया।
पुलिस के शिकंजे में
मुकीम अय्यूब खान की ठगी की कई घटनाओं के बाद आखिरकार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसकी तलाश शुरू की। हालांकि, वह अपनी लोकेशन बदल-बदलकर पुलिस से बचता रहा। लेकिन उसकी किस्मत तब खराब हुई जब पुलिस को खबर मिली कि वह वडोदरा से दिल्ली आ रहा है। निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने उसे धर दबोचा।
शुरुआती जांच में यह सामने आया कि अय्यूब ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली, रामपुर, लखनऊ और दिल्ली के प्रीत विहार में कई महिलाओं को अपना शिकार बनाया था।
ठगी का साम्राज्य और सवाल
अय्यूब की गिरफ्तारी के बाद उसकी ठगी का बड़ा साम्राज्य खुलकर सामने आया। उसने जिस तरह से महिलाओं को अपने जाल में फंसाया और उनसे करोड़ों रुपये ऐंठे, वह समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
कैसे एक साधारण व्यक्ति, जो 10वीं पास भी नहीं था, इतने लंबे समय तक पकड़े बिना ठगी करता रहा? उसकी चालाकी और महिलाओं की भावनाओं का शोषण करना समाज में बढ़ते अपराधों की एक बड़ी चुनौती है।
अय्यूब की गिरफ्तारी ने कई महिलाओं को राहत दी है, लेकिन उसकी ठगी की रणनीतियों ने समाज में बढ़ती असुरक्षा और धोखाधड़ी के नए तरीके उजागर किए हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."