चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर में कल्याणपुर पुलिस ने रविवार को एक बांग्लादेशी युवती और उसकी दो महिला सहयोगियों को गिरफ्तार किया। बांग्लादेशी युवती ने लगभग छह महीने पहले चोरी छिपे बॉर्डर पार किया और कानपुर में रहकर काम करने लगी।
पुलिस ने सूचना मिलने पर बारासिरोही नहर पुल के पास तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की।
डीसीपी पश्चिम विजय ढुल के अनुसार, पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि एक बांग्लादेशी युवती राधापुरम, कश्यपनगर में दो अन्य महिलाओं के साथ रह रही है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और तीनों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान, युवती ने हिंदी नहीं बोल पाने की वजह से अपनी बांग्लादेशी पहचान उजागर कर दी।
युवती का नाम नाजमा है और वह बांग्लादेश के सूविला फातियाबाद थाना देवीदार जनपद कुमिला की निवासी है। उसने बताया कि वह बांग्लादेश से भारत आई और कानपुर में रहने लगी। उसके साथ की महिलाएं रीना और ज्योति हैं, जो कोलकाता और नई दिल्ली की रहने वाली हैं।
नाजमा ने कहा कि उसने भारत में घुसने के बाद कोलकाता पहुंचा और वहां रीना और ज्योति से मिली। तीनों ने ट्रेन से कानपुर का सफर किया और यहाँ आकर विभिन्न घरों और दुकानों में काम करके जीवन यापन करने लगीं। नाजमा ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और गरीबी ने उसे भारत आने पर मजबूर किया।
पुलिस ने तीनों से पूछताछ के दौरान एक पैन कार्ड, आईडी कार्ड, पीएनबी का एटीएम कार्ड, दो चांदी की अंगूठियाँ और पांच मोबाइल बरामद किए हैं। नाजमा की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
रीना और ज्योति ने नाजमा की बांग्लादेशी नागरिकता के बारे में जानने से इनकार किया, हालांकि पुलिस का मानना है कि रीना कोलकाता की रहने वाली होने के कारण नाजमा की भाषा समझ सकती थी।
वर्तमान में, जांच के दौरान यह सामने आया है कि नाजमा की कमाई पर रीना और ज्योति का कब्जा था।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."