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कोरबा

गजब मुकाबला ; कांग्रेस की “भाभी” के आमने सामने खडी़ हैं भाजपा की “दीदी”…”हाथ” का पलड़ा भारी तो “कमल” का भी कोई भरोसा नहीं

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हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट

रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोरबा लोकसभा क्षेत्र में दो प्रमुख महिला नेताओं, कांग्रेस की ‘भाभी’ ज्योत्सना महंत और भाजपा की ‘दीदी’ सरोज पांडे के बीच चुनावी जंग शुरू हो गई है। दोनों ही पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर के लिए मंच तैयार है। 2019 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जीतने वाली ज्योत्स्ना महंत फिर से चुनाव लड़ रही हैं और उन्हें मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है, जो सरोज पांडे को कड़ी टक्कर दे सकती हैं।

बता दें, कि दुर्ग से ताल्लुक रखने वाली सरोज पांडे पहले राज्यसभा में सांसद रह चुकी हैं और अब कोरबा में उनके प्रवेश को लेकर बाहरी लोगों की चुनौती है। वह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और 2008 में दुर्ग के वैशाली नगर से विधायक रह चुकी हैं। वर्तमान में वह भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव हैं। 

दूसरी तरफ ज्योत्सना महंत हैं, जो छत्तीसगढ़ विधानसभा के विपक्ष के नेता चरणदास महंत की पत्नी हैं। ‘भाभी’ के नाम से मशहूर, वे कोरबा से मौजूदा सांसद हैं। उनके पति भी 2009 में सांसद चुने गए थे, जब 2008 में परिसीमन के बाद कोरबा लोकसभा सीट बन गई थी। 

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2018 में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो चरणदास को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। इससे पहले वे अविभाजित मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

कोरबा विधानसभा सीट पर कैसा माहौल

गौर करने वाली बात यह है कि कोरबा की आठ विधानसभा सीटों में से छह पर भाजपा के विधायक हैं, जिससे इस बार उनकी स्थिति विपक्ष के मुकाबले मजबूत है। 

कोरबा से सरोज पांडे के लोकसभा चुनाव लड़ने से इस सीट पर काफी चर्चा हो रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योत्सना महंत ने 46% वोटों के साथ जीत हासिल की थी।

कैसा है चुनावी हाल

भाजपा ने अब तक हर चुनाव में अपना उम्मीदवार बदला है, जिसमें मौजूदा चुनाव भी शामिल है। पहले चुनाव में करुणा शुक्ला चुनाव लड़ीं, उसके बाद डॉ. बंशीलाल महतो, ज्योतिनंद दुबे और अब सरोज पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया है। 

दूसरी ओर, कांग्रेस ने लगातार महंत परिवार पर अपना भरोसा बनाए रखा है, जिसमें चरणदास महंत पहले दो चुनाव लड़ रहे हैं और अब उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत लगातार तीसरे और चौथे चुनाव में चुनाव लड़ रही हैं।

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लगातार बढ़ रहा मतदान प्रतिशत

कोरबा लोकसभा क्षेत्र में पिछले तीन चुनावों में मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ा है। पहला चुनाव 2009 में हुआ था, जिसमें 58.41% मतदान हुआ था। 2014 के चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़कर 73.95% हो गया। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 75% रहा।

कुल 27 प्रत्याशी मैदान में

पांच उम्मीदवारों के नामांकन खारिज होने के बाद कुल 27 उम्मीदवार मैदान में हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी चुनावी समीकरण का हिस्सा हैं। कोरबा निर्वाचन क्षेत्र में 7 मई को मतदान होना है। 

कोरबा को छत्तीसगढ़ राज्य का पावरहाउस कहा जाता है और जो अपने समृद्ध कोयला भंडारों के लिए प्रसिद्ध है। भाजपा इस सीट पर बदलाव करती है। वहीं कांग्रेस इस हाई-प्रोफाइल सीट पर महंत परिवार के प्रभुत्व को मानती है।

कोरबा में आती है आठ विधानसभा सीटें

कोरबा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, मरवाही आते हैं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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