इरफान अली लारी की रिपोर्ट
भाटपाररानी। कस्बे के मालवीय संस्थान में आगामी 19अक्टूबर से मोटा अनाज का वर्तमान जीवन पद्धति में उपयोगिता विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित है।इस संगोष्ठी का कोलैबोरेशन विज्ञान भारती से किया गया है।संगोष्ठी की सफल संचालन हेतु संस्थान के प्रबंधक एवं प्राचार्य के संयुक्त नेतृत्व में विभिन्न कमेटी के गठन का प्रस्ताव किया गया।
चर्चा के दौरान विभिन्न शिक्षकों ने विचार व्यक्त किया। क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक ,सामाजिक कार्यकर्ता तथा जन सामान्य इस संगोष्ठी में प्रतिभाग लेगे। महाविद्यालय में विज्ञान भारती के प्रतिनिधि गण विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्रतिनिधि के रूप में प्रोफेसर हरगोविंद राव ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस संगोष्ठी में मोटे अनाज पर चर्चा के लिए देश भर के वैज्ञानिक प्रतिभाग करेंगे।
तैयारी बैठक को संबोधित करते हुए संस्थान के प्रबंधक व वरिष्ठ भाजपा नेता राघवेन्द्र वीर विक्रम सिंह ने कहा कि मोटे अनाज स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।इसे अनाजों को सुपरफूड और पोषक अनाज कहा जा रहा है। आने वाले भविष्य में मोटा अहार संजीवनी साबित हो रहा। संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ पवन कुमार राय ने कहा कि कई बीमारियों की वजह गेहूं-चावल हैं। मोटा अनाज में सेहत का राज छुपा है। मोटा अनाज सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद है। बच्चों और किशोरों में कुपोषण खत्म करने में मोटे अनाज का सेवन काफी मददगार होता है।
प्राचार्य प्रोफेसर सतीश चंद्र गौड़ ने कहा कि मोटे अनाज के अंतर्गत आठ फसलें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो और कुटकी और कुट्टू सामिल है।
इस दौरान प्रोफेसर राम अवतार वर्मा,सुशील कुमार पांडेय ,डॉ. मनीष नाथ त्रिपाठी,डॉ महेंद्र कुमार मिश्रा, डॉ.श्रीनिवास मिश्र, डॉ अवनीत सिंह,डॉ पूनम यादव,डॉ.कनकलता ,डॉ. रंजीत सिंह ,डॉ, दिनेश कुमार शर्मा, डॉ. ज्ञान प्रकाश , डॉ. धर्मजीत मिश्रा, डॉ.अरुण कुमार मद्धेशिया, डॉ. ज्ञान प्रकाश ,डॉ जय सिंह, डॉ. सूदीप रंजन, डॉ .शिव शंकर प्रजापति, डॉ. सौरभ पाल ,डॉ.प्रवीण प्रजापति, डॉ रवि सिंह, डॉ .कीर्ति जायसवाल, डॉ प्रवीण प्रजापति, डॉ.रवि सिंह,डॉ.अजय सिंह , कमलेश कुमार शिव प्रसाद , प्रवीण शाही आदि उपस्थित रहे ।
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं