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November 23, 2024 1:22 am

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पं0 दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित गोष्ठी व भाषण प्रतियोगिता सम्पन्न

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट 

बरहज, देवरिया : नेहरू युवा केन्द्र देवरिया के तत्वधान मे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 107 वीं जयंती के अवसर पर पं0 दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित गोष्ठी व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन मांती देवी विश्वनाथ महिला महाविद्यालय देवपार में केन्द्र के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक देवव्रत पाण्डेय के नेतृत्व में किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय समन्वयक प्रसेनजीत पासवान के द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय समन्वयक प्रसेनजीत पासवान ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी साधारण जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति थे। वे एक राजनेता के साथ लेखक, सम्पादक एवं विचारक थे। पंडित दीनदयाल जी ने देश को मजबूत करने के लिए अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास पर बल दिया। वे एकात्म मानववाद के प्रणेता थे उनका जीवन मानवता के लिए एक प्रेरक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा के लिए न्योछावर कर दिया।

राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक देवव्रत पाण्डेय ने कहा कि हम सभी को दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

बाल्यकाल से युवा अवस्था तक अपने स्वजनों को खो कर विभिन्न पारिवारिक दु: खों का आघात भी भारत माता की सेवा करने से बाधित नहीं कर सकी। उनकी कार्य के प्रति समर्पण एवं राष्ट्र के प्रति भक्ति भावना से प्रभावित हो कर डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि यदि मुझे दीनदयाल जैसे दो व्यक्तित्व वाले कार्यकर्ता मिल जाएं मैं देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकता हूं।

पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित भाषण प्रतियोगिता में महिला महाविद्यालय व भीष्म पितामह सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान खुशबू यादव, द्वितीय स्थान मोनी राव व तृतीय स्थान अन्नू यादव ने प्राप्त किया।

भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं प्रतिभाग कर रहे सभी छात्राओं को कापी व कलम दे कर पुरस्कृत किया गया।

गोष्ठी कार्यक्रम में महिला महाविद्यालय देवपार के नन्हे गौतम, रमाशंकर मौर्या, महाजन, चंदा आदि शिक्षकों ने अपने विचार प्रकट किए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता व मदन मोहन मालवीय संस्थान के प्रबंधक राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने कहा कि एकात्म मानववाद पूंजीवाद एवं समाजवाद का मध्यम मार्ग है। जिसका उद्देश्य एक ऐसा ‘स्वदेशी सामाजिक-आर्थिक मॉडल’ प्रस्तुत करना हैं जिसमें विकास के केंद्र में मानव हो।उन्होंने पश्चिमी ‘पूंजीवादी व्यक्तिवाद’ एवं ‘मार्क्सवादी समाजवाद’ दोनों का विरोध किया। आधुनिक तकनीक एवं पश्चिमी विज्ञान का स्वागत किया। ये पूंजीवाद एवं समाजवाद के मध्य एक ऐसी राह के पक्षधर रहे जिसमें दोनों पद्धतियों के गुण तो मौजूद हों लेकिन उनके अतिरेक व जैसे अवगुण न हो।

उक्त बातें श्री सिंह सोमवार को मालवीय सभागार में आयोजित पंडित दिन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानव वाद विषयक संगोष्ठी में बोल रहे थे।उन्होंने ने कहा कि
पूंजीवादी एवं समाजवादी विचारधाराएँ केवल मानव के शरीर एवं मन की आवश्यकताओं पर विचार करती है वे इनके भौतिकवादी उद्देश्य पर आधारित हैं। मानव के संपूर्ण विकास के साथ उसका आत्मिक विकास भी आवश्यक है।पंडित उपाध्याय ने एक वर्गहीन, जातिहीन और संघर्ष मुक्त सामाजिक व्यवस्था की कल्पना की।

संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ पवन कुमार राय ने कहा कि एकात्म मानववाद का उद्देश्य व्यक्ति एवं समाज की आवश्यकता को संतुलित करते हुए प्रत्येक मानव को गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करना है। प्राचार्य प्रोफेसर सतीश चंद्र गौड़ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एक बड़ी जनसंख्या गरीबी में जीवन यापन कर रही है। विश्वभर में विकास के कई मॉडल लाए गए लेकिन आशानुरूप परिणाम नहीं मिला। दुनिया को एक ऐसे विकास मॉडल की तलाश है जो जिसके केंद्र में मानव हो।

प्रोफेसर कमलेश नारायण मिश्र ने कहा कि एकात्म मानववाद न केवल राजनीतिक बल्कि आर्थिक एवं सामाजिक लोकतंत्र एवं स्वतंत्रता को भी बढ़ाता है।डॉ अवनीत सिंह ने कहा कि विविधतापूर्ण राष्ट्र के लिए यह सर्वाधिक उपयुक्त है।

गोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा पंडित दिन दयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित कर किया गया।

गोष्ठी का संबोधन प्रोफेसर राम अवतार वर्मा ,प्रोफेसर सुधीर कुमार शुक्ला ,प्रोफेसर मनोज कुमार गुप्ता ,डॉ. सुशील कुमार पांडे ,डॉ. मनीष नाथ त्रिपाठी, डॉ. मनोज कुमार राय ,पूर्व प्राचार्य डॉ राकेश कुमार ,डॉ महेंद्र कुमार मिश्रा, डॉ.श्रीनिवास मिश्र ,डॉ पूनम यादव, डॉ अंशुमान सिंह, डॉ.कनकलता ,डॉ. रंजीत सिंह ,डॉ.अभिमन्यू पांडे, डॉ, दिनेश कुमार शर्मा, डॉ. ज्ञान प्रकाश , डॉ. धर्मजीत मिश्रा, डॉ.अरुण कुमार मद्धेशिया, डॉ शैलेंद्र पाठक, डॉ. ज्ञान प्रकाश ,डॉ जय सिंह, डॉ. संदीप रंजन, डॉ .शिव शंकर प्रजापति, डॉ. सौरभ पाल ,डॉ.प्रवीण प्रजापति, डॉ रवि सिंह, डॉ .कीर्ति जायसवाल, डॉ अवध बिहारी, डॉ. अमित यादव ,डॉ. श्याम चतुर्वेदी, डॉ शक्ति सिंह, डॉ.मोहिनी सिंह, डॉ. अमन तिवारी, डॉ.रितु ढिल्लों, डॉ विदुषी सिंह, डॉ प्रवीण प्रजापति, डॉ.रवि सिंह, डॉ.अजय सिंह , कमलेश कुमार आदि ने किया।

इस दौरान शिव प्रसाद , प्रवीण शाही सहित समस्त कर्मचारी वर्ग उपस्थित रहे ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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