“बंदना” बनकर “अर्चना” कर रही थी 15 साल से सरकारी टीचर की नौकरी ; जब खुली पोल तो हुआ ये खेल

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में परिषदीय विद्यालय में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अर्चना नामक की एक महिला वंदना के नाम से स्कूल में पढ़ा रही थी। शिकायत के बाद जब इसकी जांच हुई तो भेद खुल गया। बीएसए के निर्देश पर महिला के पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। विभागीय जांच बैठने के साथ ही रिकवरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

असली नाम अर्चना

जांच में पता चला कि महिला जो वंदना बनकर बच्चों को पढ़ा रही है, उसका असली नाम अर्चना है। अभिलेखों के अनुसार इसका स्थायी पता अयोध्या का है। जब विभाग की ओर से सत्यापन के लिए उक्त पते पर नोटिस भेजा गया तो वहां वंदना नाम की कोई महिला नहीं मिली। फिलहाल विभाग की ओर से शिक्षिका को बर्खास्त करते हुए रिकवरी का नोटिस भेजा गया है।

पुलिस कर रही है जांच

बीएसए रामेंद्र सिंह का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाली शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही रिकवरी के आदेश जारी करते हुए थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। महिला ने हाईस्कूल की परीक्षा के दौरान अपना स्थायी पता अयोध्या बताया है तो वही नौकरी में उसने अपना स्थायी पता गोरखपुर स्थित मानीराम दर्शाया है, लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन में पता चला है कि महिला देवरिया जिले की रहने वाली है। पुलिस की ओर से भी मुकदमा दर्ज कर महिला के फर्जी अभिलेखों की जांच की जा रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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