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हर पल हम सबको मौत के मुंह में बड़े प्यार से धकेल रहा है ये बेईमान होता जा रहा मौसम…जानकर कांप जाएंगे आप

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

दुनियाभर में बदल रहे मौसम के ट्रेंड को समझने के लिए हम भारत में हो रहे बदलाव को ही देख सकते हैं। पिछले साल यानी 2022 से अब तक के मौसम को ही देखा जाए तो पाएंगे कि एक साल में ही कई अजीबोगरीब बदलाव हुए। इसी साल जून-जुलाई में दिल्ली समेत देशभर में भारी बारिश हुई। लेकिन अगस्त महीने में बारिश दिल्ली से नाराज हो गई। अगस्त में जहां सुहावना मौसम देखने को मिलता है, वहीं इस साल लोगों ने मई-जून जैसी गर्मी को झेला। ऐसा सिर्फ मॉनसून के साथ ही नहीं हुआ बल्कि सर्दियों में भी देखने को मिला। दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड, दिल्ली में तापमान जीरो तक पहुंच गया।

दिल्ली में बाढ़, तो पहाड़ों पर भूस्खलन

सालभर में देशभर के मौसम के ट्रेंड में हुआ बदलाव मौसम एक्सपर्ट्स को भी अचंभे में डाल रहा है। मौसम विभाग को पूर्वानुमान करने में भी दिक्कत हो रही है। बदलते मौसम से वो देखने को मिल रहा है, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। इस साल जून-जुलाई में पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों में बारिश ने सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। बाढ़ की खबरें लगभग हर राज्य से सामने आईं। उत्तराखंड, हिमाचल, गुजरात, बिहार, यूपी कोई भी बाढ़ की मार से नहीं बच सका।

हैरानी तो तब हुई जब देश की राजधानी दिल्ली में भयानक बाढ़ आ गई। यमुना नदी के जलस्तर से पुराने सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। दिल्ली की सड़कों से लेकर घरों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया। एक और जहां दिल्ली को जी20 के लिए सजाया जा रहा था वहीं बाढ़ ने एक नई मुसीबत पैदा कर दी।

चक्रवात ने भी मचाई तबाही

वहीं गुजरात में आए बिपरजॉय चक्रवात को भी कोई कैसे भूल सकता है। अरब सागर में उठे इस चक्रवात ने कितने बार अपनी दिशा बदली। शुरुआत में कहा जा रहा था कि ये पाकिस्तान के तट से टकराएगा लेकिन बाद में इसने दिशा बदली और गुजरात से टकराया। कई दिनों तक गुजरात और राजस्थान में रेड अलर्ट रहा। गुजरात में सैकड़ों पेड़ टूट गए, भारी बारिश हुई, करोड़ों का नुकसान हुआ। हालांकि सरकार और प्रशासन की सूझबूझ से कोई हताहत नहीं हुआ।

हिमाचल में तबाही जारी

दिल्ली में आई बाढ़ और गुजरात में बिपरजॉय चक्रवात से तो निपट गए, लेकिन हिमाचल और उत्तराखंड में अभी भी तबाही जारी है। रोज कहीं न कहीं से भूस्खलन की खबरें सामने आ रही हैं। राज्य में बारिश की वजह से दो नेशनल हाईवे समेत 63 सड़कें अभी भी बंद हैं। भारी बारिश के कारण करीब 8679 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं 24 जून से 12 सितंबर तक 428 लोगों की मौत हो चुकी है।

क्यों बदल रहा है मौसम का ट्रेंड?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौसम के बदलते ट्रेंड के पीछे सबसे बड़ी वजह से जलवायु परिवर्तन। इस बदलती जलवायु का असर ग्लोबल वार्मिंग और मौसम के पैटर्न दोनों पर पड़ रहा है। आसान शब्दों में कहें तो जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्लोबल वार्मिंग और मॉनसून अस्थिर हो रहा है। यही वजह से दुनियाभर का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। वहीं मौसम में अनियमितता देखने को मिल रही है। ठंडे देशों में अचानक से गर्मी शुरू हो गई है, तो रेगिस्तान में बाढ़ की घटनाएं सामने आ रही हैं।

1902 के बाद से मौसम की दूसरी सबसे बड़ी चरम घटनाएं इस साल यानी 2023 में देखी गई हैं। इन मौसमी घटनाओं के जरिए प्रकृति ये कहने की कोशिश कर रही है कि हमें पर्यावरण पर ध्यान देने की जरूरत है।

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हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं

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