सुहानी परिहार की रिपोर्ट
इंदौर। सोशल मीडिया पर सक्रिय साइबर क्रिमिनल ने नौकरी पेशा युवतियों को अपने जाल में फंसाने के लिए नया तरीका ढूंढा है। ठग कारोबारी के रूप में पहचान बढ़ाते। विश्वास अर्जित करने वाट््सऐप पर चैट करते। इस बीच मदद के लिए पैसा एमपी ऑनलाइन के खाते में जमा कराकर संपर्क तोड़ देते। इस अनूठी ठगी में गिरोह के एक सदस्य को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है।
ऐसे करते हैं वारदात
डीसीपी निमिष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी अमन रघुवंशी (23) निवासी गुना को तकनीकी जांच के आधार पर गिरफ्तार किया है। पीडि़त युवती ने बताया था कि आरोपी ने फेसबुक, वाट्सऐप पर चैट किया।
बताने लगा कि वह एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कारोबारी है। हाल ही में बताया कि विशाखापट्टनम में कस्टम पुलिस ने जहाज पकड़ लिया है। उसे छुड़ाने के लिए 1.39 लाख चाहिए। आरोपी ने अन्नपूर्णा स्थित एमपी ऑनलाइन सेंटर के खाते में तीन बार में पैसा जमा करवाया, इसके बाद संपर्क तोड़ दिया। तकनीकी जांच में पता चला कि एमपी ऑनलाइन की भंवरकुआं शाखा से राशि को किसी ने निकाला है।
सरगना से 10 प्रतिशत कमीशन लेता था
अमन ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि गिरोह का मास्टमाइंट मप्र में ही रहता है। वह ओडिशा के नंबर पर वाट्सऐप चलाकर युवती से बात करता था। इस काम में उसके साथ कई लोग जुड़े हैं। एमपी ऑनलाइन पर बहाना बनाकर पैसा निकालने जाता था। इसके लिए मास्टरमाइंड से 10 प्रतिशत कमीशन लेता। इस तरह वह एक करोड़ कमीशन ले चुका है। आरोपी 12वीं पास है। उससे पूर्व में हुई घटना के संबंध में पूछताछ जारी है। आरोपी ठगी की राशि इंदौर के कुछ सेंटर की मदद से क्रिप्टो में एक्सचेंज करवाकर बुलाता है।
दिल्ली की गैंग करती है ऐसी ठगी
पूरी ठगी पर नजर बनाए अधिकारी मान रहे हैं दिल्ली, पालमपुर की नाइजीरियन गैंग इस तरह की ठगी करती है। गैंग सोशल मीडिया पर युवतियों को टारगेट करती है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."