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November 23, 2024 12:32 am

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दो पत्नियां और दोनों पति के साथ रहने को थी बेचैन, आया गजब का फैसला

14 पाठकों ने अब तक पढा

विनीता सिंह की रिपोर्ट 

मध्यप्रदेश के उज्जैन में महिला थाने के परामर्श केंद्र पर एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां दो पत्नियां इस बात के लिए विवाद कर रही थीं कि उन्हे अपने पति के साथ ही रहने दिया जाए।

दोनों ही पत्नियां पति को छोड़ना नहीं चाहती थीं। इस पर परामर्श केंद्र ने पति को आदेश दिया कि महीने में 15 दिन उसे पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहना पड़ेगा। साथ ही उसे यह हिदायत भी दी कि अब उनके बीच कभी कोई भी लड़ाई-झगड़ा नहीं होना चाहिए।

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है। घटिया मे रहने वाले एक व्यक्ति का 15 साल पहले बामोरा मे रहने वाली महिला से विवाह हुआ। कुछ समय तक तो पति-पत्नी के बीच सब कुछ ठीक चलता रहा और उन्हे एक लड़का भी हुआ। लेकिन पति-पत्नी के बीच धीरे-धीरे मनमुटाव होने लगा। बढ़ती लड़ाई न्यायालय की चौखट तक पहुंची। न्यायालय में इस विवाद को सुलझाने में लगभग 15 साल लग गए, और यह फैसला सुनाया कि युवक को अपनी पत्नी के साथ ही रहना पड़ेगा।

पहली पत्नी पति को छोड़कर उज्जैन आ गई

न्यायालय ने तो युवक को पत्नी को साथ रखने के आदेश दे दिए, लेकिन परेशानी यह खड़ी हो गई कि इन 15 साल में युवक एक अन्य महिला से दूसरी शादी कर चुका था, जिससे उसे दो संतान हो चुकी है। न्यायालय के फैसले के बाद युवक की पहली पत्नी उसके साथ रहने जा पहुंची, जिससे युवक की बसी बसाई गृहस्थी में फिर भूचाल आ गया, क्योंकि दोनों पत्नियां पति के साथ एक साथ रहना नहीं चाहती थीं, जिससे फिर इन लोगो में विवाद हुआ। युवक की पहली पत्नी पति को छोड़कर उज्जैन अपने मायके आ गई।

परिवार परामर्श केंद्र में की थी शिकायत

युवक की पहली पत्नी ने महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र में इस बात की शिकायत की थी कि उसे भी अपना अधिकार दिलाया जाए और अपने पति के साथ रहने दिया जाए। इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए परिवार परामर्श केंद्र ने युवक और उसकी पहली पत्नी को परामर्श केंद्र में बुलाकर कई बार समझाया, लेकिन जब पहली पत्नी कुछ भी समझने को तैयार नहीं हुई तो पति ने ही परामर्श केंद्र में यह सहमति जताई कि मैं दोनों पत्नियों के साथ रहना चाहता हूं। इस पर परिवार परामर्श केंद्र के द्वारा कई बार काउंसलिंग भी की गई। इसके बाद आपसी सहमति से यह निर्णय निकला की पति को 15 दिन पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने के साथ ही बच्चों की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी दी गई है।

इस पूरे मामले को लेकर जब परिवार परामर्श केंद्र महिला थाने की प्रियंका सिंह परिहार से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि पहली पत्नी अपना अधिकार मांग रही थी। जिस पर हमने कई बार इन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन पहली पत्नी और पति दोनों ही कुछ भी समझने को तैयार नहीं थे। इसके बाद पति की सहमति पर आखिरी निष्कर्ष यही निकला कि महिला का पति 15 दिन पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहे, परामर्श केंद्र के इस निर्णय पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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