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November 2, 2024 2:54 am

बड़े-बडों की भीड़ में मोदी को भा गए “उज्जैन के मोहन” ; आइए जानते हैं क्या थी वजह

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पुनीत नौटियाल की रिपोर्ट

भोपाल। बीजेपी ने 9 दिनों तक मंथन के बाद आज सीएम पद का ऐलान कर दिया है। जिसमें उज्जैन के मोहन यादव को सीएम बनाया गया है। आखिर तमाम दिग्गजों को दरकिनार कर मोदी के मन में क्यों बस गए उज्जैन के मोहन यादव?

एमपी के नेतृत्व में पीढ़ी का बदलाव

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में नई पीढ़ी की राजनीति की शुरुआत करने की कोशिश की है। 

मोहन यादव महज 57 साल के हैं। इससे बीजेपी ने मैसेज देने की कोशिश की है कि वह राज्य में सेकेंड लाइन नेतृत्व तैयार करने को लेकर तैयारी में है।

अनुभव और एक्सपीरिएंस: मोहन यादव तीन बार के विधायक हैं। वह उच्च शिक्षा मंत्री के तौर पर शिवराज कैबिनेट में काम कर चुके हैं। उन्हें सरकार में रहने और उसे चलाने का अच्छा खासा अनुभव रहा है। 

राजनीति में ऐसा माना जाता है कि सीएम, पीएम जैसे पदों पर नये चेहरे को लाने पर उसकी स्वीकार्यता में दिक्कत होती है। लेकिन मोहन यादव के पास अच्छा खासा अनुभव है, जिससे उन्हें सरकार चलाने में शायद ही कोई दिक्कत हो।

एबीवीपी और आरएसएस की पृष्ठभूमि

मोहन यादव ने 1982 में माधव विज्ञान कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही एबीवीपी के सदस्य बन गए थे। उसके बाद से वह लगातार एबीवीपी में अलग-अलग पदों पर बने रहे। इस लिहाज से देखें तो मोहन यादव में खांटी भाजपाई नजर आते हैं।

यूपी-बिहार को संदेश, 2024 पर नजर

मोहन यादव ओबीसी समाज से हैं। खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव की राजनीति का खासा असर है। इसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी आलाकमान ने मोहन यादव को सीएम बनाकर लंबी राजनीतिक लकीर खींचने की कोशिश है।

बीजेपी को उम्मीद है कि मोहन यादव का चेहरा 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश और बिहार में खासा असर डाल सकता है।

ओबीसी से ओबीसी को रिप्लेस किया

मोहन यादव को सीएम बनाकर 2024 के लिए उत्तर के दो बड़े राज्यों को संदेश दिया है, जहां लोकसभा की 120 सीटें हैं और यादव ओबीसी में यादव वोटर्स एक निर्णायक वोट बैंक है।

मालूम हो कि उज्जैन दक्षिण से बीजेपी विधायक मोहन यादव मध्यप्रदेश के नये मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया है। 

ओबीसी नेता यादव (58) को शाम को भोपाल में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई बैठक में मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। 

वह निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत थे। मप्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन के बूते भाजपा ने राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."