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अतर्राबांदा

साझा संग्रह ‘क्रांतिपथ के राही’ के आवरण का लोकार्पण ; 31 शिक्षक – शिक्षिकाओं के लेख शामिल

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट 

अतर्रा(बाँदा)। रचनाधर्मी स्वप्रेरित शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के मैत्री समूह शैक्षिक संवाद मंच देश की स्वतंत्रता के अमृत काल के अवसर पर स्वाधीनता संग्राम में योगदान देने वाले क्रांतिकारियों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित जीवनीपरक लेखों के संग्रह को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने हेतु योजनाबद्ध ढंग से काम कर रहा है। इस योजना में पहला संग्रह 51 क्रांतिकारियों एवं गांधीवादी राजनीतिक नायकों के जीवन पर केंद्रित ‘राष्ट्र साधना के पथिक’ का प्रकाशन किया जा चुका है जिसमें 1857 से 1947 तक के कालखंड को लिया गया था। इस श्रंखला में ‘क्रांतिपथ के राही’ नाम से दूसरी पुस्तक शीघ्र प्रकाश्य है, जिसमें 31 क्रांतिकारियों पर जीवनीपरक लेख शामिल हैं।

गत दिवस पुस्तक के आवरण का लोकार्पण रचनाकारों के वाट्सएप समूह में संपादक प्रमोद दीक्षित मलय द्वारा किया गया। रचनाकारों ने आवरण पृष्ठ को विषय से जुड़ा हुआ, प्रेरक एवं आकर्षक बता खुशी व्यक्त की।

साझा संग्रह ‘क्रांतिपथ के राही’ के आवरण पृष्ठ का लोकार्पण कर जानकारी देते हुए संपादक प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा साहित्य की जीवनी विधा पर केंद्रित लेखों का साझा संग्रह ‘क्रांतिपथ के राही’ का आवरण पृष्ठ गत दिवस रचनाकारों के मध्य आनलाइन माध्यम से वाट्सएप समूह में लोकार्पित किया गया।

प्रकाश्य पुस्तक में 31 रचनाकार शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के ओजपूर्ण लेखों को स्थान मिला है। रचनाकारों ने तिलका मांझी, चाफेकर बन्धु, उल्लासकर दत्त, राणा बेनीमाधव, वासुदेव बलवंत फड़के, राजा राव रामबख्स सिंह, भगवतीचरण वोहरा, शचीन्द्रनाथ सान्याल, बारीन्द्र घोष, मणीन्द्रनाथ बनर्जी, राजा देवीबख्स सिंह, अलगू यादव, पारसनाथ राय, पब्बर राम, मुनीश्वरदत्त उपाध्याय, रानी गाइदिनल्यू, महादेव चौबे, रानी ताईबाई, मातंगिनी हाजरा, मातादीन बाल्मीकि सहित स्वतंत्रता आंदोलन में काशी की भूमिका, काकोरी कांड, स्वाधीनता संघर्ष में तवायफों की भूमिका, हापुड़ के शहीद, चौरीचौरा कांड, स्वातंत्र्य समर में मिठाईयों की दूकानों की भूमिका, क्रांतिकारियों की फांसी का साक्षी बांदा का भूरागढ़ किला, सीतापुर के दो क्रांतिकारी, भील बालिका कालीबाई एवं पृथ्वीसिंह आजाद आदि क्रांतिकारियों एवं घटनाओं पर लेखकों ने शोधपूर्ण सामग्री प्रस्तुत की है।

आवरण पृष्ठ चित्रकार राज भगत ने तैयार किया है। पुस्तक का प्रकाशन रुद्रादित्य प्रकाशन, प्रयागराज द्वारा किया जा रहा है।

इस जीवनी लेख संग्रह ‘क्रांतिपथ के राही’ में शामिल शिक्षक-शिक्षिका रचनाकारों के नाम एवं जनपद निम्नवत् हैं – दुर्गेश्वर राय एवं दीप्ति राय (गोरखपुर), प्रीति भारती (उन्नाव), डॉ. कुमुद सिंह, डॉ. श्रवण कुमार गुप्त, कुमुद, डॉ. अरविंद द्विवेदी (वाराणसी), शुभा देवी, दीक्षा मिश्रा एवं सीमा मिश्रा (फतेहपुर), शीला सिंह, रिम्पू सिंह एवं संतोष कुशवाहा (गाजीपुर), अपर्णा नायक (महोबा), अनीता मिश्रा (बलरामपुर), रश्मि तिवारी, मीरा रविकुल एवं प्रमोद दीक्षित मलय (बांदा), अंजू वर्मा (अयोध्या), शंकर कुमार रावत (बलिया), विवेक पाठक (गोण्डा), कौशर जहां सिद्दीकी (सोनभद्र), राजकुमार सिंह, पूजा चतुर्वेदी एवं सुषमा मलिक (हापुड़), डॉ. पूजा यादव एवं मृदुला वर्मा (कानपुर), अवनीश यादव (लखीमपुर), ममता देवी (सीतापुर), साधना मिश्रा (प्रतापगढ़), शिवाली जायसवाल (मेरठ) तथा विजयप्रकाश जैन (राजस्थान)। पुस्तक का विमोचन भव्य समारोह में रचनाकारों, पाठकों एवं साहित्यकारों के मध्य किया जायेगा।

रचनाकारों ने ‘क्रांतिपथ के राही’ पुस्तक को छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों एवं पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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