दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में दिल को दहला देने वाला मामला समाने आया है। यहां एक बेरहम मां ने अपने पांच दिन के नवजात की हाथ की उंगलियां तेल में जला दी। गंभीर हालत में नवजात शिशु अस्पताल में भर्ती है। मां के मुताबिक भूत-प्रेत का चक्कर समझकर अंधविश्वास में खौफनाक कदम उठाया है। वहीं जिलाअस्पताल के साइक्रेटिक डॉक्टर का कहना है कि ऐसे मामलों में इलाज न कराना समाज में जागरूकता की कमी हैं।
जानकारी के अनुसार, फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र के इसरौली गांव की रहने वाली महिला आशिया ने पांच दिन पूर्व बच्चे को जन्म दिया था। नवजात शिशु के दूध न पीने पर गुरुवार को मां ने उसके दाहिने हाथ की उंगलियां खौलते तेल में डाल दी। नवजात बच्चे का हाथ झुलसने से हालत गंभीर हो गई। पिता इरफान ने नवजात को फतेहपुर सीएचसी में भर्ती कराया है।
भूत-प्रेत का चक्कर समझ बैठी
मां आशिया ने बताया कि पहले उसके दो बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बच्चे को बचाने के लिए ऐसा खतरनाक कदम उठाना पड़ा। आशिया ने बताया कि जन्म के बाद से बच्चा न तो दूध पी रहा था और न रो रहा था। आशिया को डर था कि कहीं इस बच्चे को कुछ हो न जाए। भूत प्रेत या ऊपरी चक्कर मानकर उसने बच्चे की उंगलियां गर्म तेल में डाल दी। अंधविश्वास में जकड़ी मां ने बताया कि खौलते तेल में उंगली डालने के बाद वो दूध पीने लगा और अब दस्त भी होने लगा है। बच्चा अब ठीक है, लेकिन बुखार नहीं उतर रहा।
जिला अस्पताल में तैनात मनोचिकित्सक डॉ. आरती यादव के मुताबिक बच्चों में उल्टी-दस्त होना हाथ-पैर का सुन्न होना, दूध न पीना और बच्चे का कोई रिएक्ट न करना, शरीर का रंग बदलना अलग-अलग बीमारी के लक्षण है। कुछ लोगों द्वारा इसे मनोवैज्ञानिक ‘जमोगा’ की चपेट में होना बताया जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिए गर्म तेल में उंगलियां डालना या झाड़ फूंक जैसे अंधविश्वास का सहारा लेते हैं। डॉक्टर ने बताया कि इसके लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है और विशेषज्ञ डाक्टरों की मदद से इस गंभीर समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
Author: samachar
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