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वाराणसी
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छोटे बच्चों पर मंडराता खतरा ; 5 लाख में बेच देते हैं किसी के भी जिगर के टुकड़े को

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

वाराणसी: उनका काम था छोटे-छोटे बच्चों को उनके घर के आसपास से उठाना और फिर पैसे के लालच में बेच देना। वो खेलते हुए बच्चों को निशाना बनाते थे। किडनैपिंग और फिर बच्चों को बेचने वाले एक गैंग का वाराणसी पुलिस ने पर्दाफाश किया है। ये पैसों के लालच में माता-पिता से उनके बच्चों को छीन लेते थे और फिर मोटी रकम में इन बच्चों को बेच देते थे। लंबे समय से इस काम में ये लोग लगे हुए थे। पुलिस ने इनके पास से 3 बच्चों को बरामद किया है।

वाराणसी के बच्चा चोर गैंग का पर्दाफाश

14 मई के दिन वाराणसी में एक बच्चा किडनैप हुआ। बाद में एक माता-पिता रोते हुए पुलिस स्टेशन अपने बच्चे की तलाश में आए और शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि इस बच्चे की किडनैपिंग की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हो गई। बच्चे को उठाकर एक सफेद कार में ले जाया गया। पुलिस ने तलाश शुरू की तो पता चला कि इस कार का ड्राइवर बिहार का रहने वाला है। हालांकि कार के मालिक ने बताया कि उसने संतोष गुप्ता नाम के एक शख्स को अपनी कार किराए में दी हुई है। पुलिस संतोष गुप्ता तक पहुंची तो पता चला कि उसने ही बच्चे को उठाया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उसके बाद इस गैंग के सारे राज सामने आए।

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देश के कई राज्यों में काम रहा था ये गिरोह

ये गैंग देश के अलग-अलग राज्यों में काम कर रहा था। गैंग की लीडर है शिखा नाम की एक महिला। शिखा के अलावा कई और महिलाएं भी इसमें शामिल हैं। गैंग के दस लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वो आर्टिका कार पुलिस ने बरामद की है जिसमें इस बच्चे को किडनैप किया गया था। पुलिस को उस बच्चे के अलावा इनके पास से 2 और बच्चे भी मिले हैं। जिन्हें कुछ दिन पहले ही इन्होंने चुराया था। अब ये इन तीनों बच्चों का सौदा करने वाले थे।

3 से 5 लाख रुपये में बच्चों को बेचते थे

इस गैंग से पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये ज्यादातर गरीब बच्चों को अपना निशाना बनाते हैं। मजदूरी कर रहे माता-पिता के बच्चों को ये आसपास से उठा लेते हैं। उसके बाद उन बच्चों को देश के अलग-अलग राज्यों में फैले इनके दलालों की मदद से बेच देते हैं। बच्चों की कीमत 3 से 5 लाख लाख रुपये लगाते है और ऐसे लोगों को इन बच्चों को बेचते हैं जिनकी संतान नहीं होती। इस तरह से ये कई सौदे कर चुके हैं। इनमें से ज्यादातर लोग बिहार के रहने वाले हैं और एक ही परिवार के सदस्य हैं। ये बहला-फुसलाकर बच्चों को अपनी कार तक लेकर जाते हैं और फिर उसके बाद वहां से फरार हो जाते हैं।

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उन्नाव से भी ऐसे ही एक गैंग का हुआ था पर्दाफाश

इसके पहले भी देश के कई हिस्सों से बच्चा चुराने वाले इस तरह के गैंग का खुलासा हुआ है। पिछले साल सितंबर महीने में कानपुर में स्कूल जाने वाले बच्चों के चोरी होने की कई खबरें आई थी। इसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो उन्नाव के एक बच्चा चोर गैंग का खुलासा हुआ था। ये गैंग स्कूल से लौटते हुए बच्चों को अपना निशाना बनाता था। उन्हें चॉकलेट और आइसक्रीम का लालच देकर किडनैप करते थे और फिर उन्हें बेच देते थे। पुलिस ने इस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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