दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती संध के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद से पहलवानों का प्रदर्शन दिल्ली में कल तक जारी था। नए संसद भवन का उद्घाटन होने के बाद अचानक धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप और सांसद भवन की ओर कूच करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने उन्हें सबसे पहले हिरासत में ले लिया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें देर रात छोड़ दिया, लेकिन इस मामले में अब तूल पकड़ लिया है।
दिल्ली पुलिस द्वारा साझी मलिक सहित अन्य पहलवानों को हिरासत में लिए जाने और जंतर मंतर से उनके टैंट और तंबुओं को हटाने से नाराज दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने मोर्चा संभाल लिया है। डीसीडब्लू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘नए संसद भवन की भव्य बिल्डिंग बनने से लोकतंत्र कैसे सुदृढ़ होगा। जब तक उसमें ब्रिज भूषण शरण सिंह जैसे गुंडे बैठे होंगे। दिल्ली पुलिस न्याय मांगती हुई बेटियों को सड़क पर खदेड़ेगी और हिरासत में लेगी।
Heartbreaking 💔 #WrestlerProtest pic.twitter.com/I0TRO3yEH4
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) May 28, 2023
स्वाति मालीवाल ने पुलिस के रवैये पर उठाए सवाल
बीती रात उन्होंने ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक को लेकर वन वर्ड ट्वीट किया जो काफी भावुक करने वाली है। उन्होंने अपने ट्वीट में सिर्फ एक शब्द लिखा है। हार्ट ब्रेकिंग. इसके साथ उन्होंने एक वीडिया साझा किया है। वीडियो में साक्षी मलिक एक तरफ साल 2016 ओलंपिक में पदक जीतकर इतिहास रचने के बाद तिरंगे में लिपटी झूमती दिखाई दे रही है तो दूसरी तरफ रविवार को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की घटना दिखाई देती है। स्वाति मालीवाल इस ट्वीट के जरिए कहना चाहती हैं कि जिस साक्षी मलिक ने सात साल पहले देश का नाम दुनिया भर में रौशन किया था उसी के द्वारा अपना हक मांगने के बाद कैसे दिल्ली पुलिस उन्हें घसीटते हुए हिरासत में लेती है और उनके खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज करती है। मालीवाल का ट्वीट अपने आप में यह सवाल उठाने के लिए काफी है कि क्या यही लोकतंत्र का असली चेहरा है। अगर नहीं तो ये सब देश की राजधानी की सड़कों पर क्या हो रहा है?
साक्षी मलिक भारतीय महिला पहलवान हैं। उन्होंने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में साल 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। सात साल पहले भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली वे पहली महिला पहलवान बनी थीं। इससे पहले इन्होंने ग्लासगो में आयोजित 2.14 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रजत पदक जीता था।
न्याय मिलने तक जारी रहेगा धरना
बता दें कि बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद 23 अप्रैल से पहलवानों का प्रदर्शन दिल्ली के जंतर मंतर में जारी था। रविवार को नाराज पहलवानों ने नए संसद भवन की ओर कूच किया था। इसके दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेने से पहले संसद भवन की ओर जानी वाली सड़क पर काफी देर तक हंगामा मचा। बाद में दिल्ली पुलिस ने जबरन पहलवानों को हिरासत में ले लिया। इस घटना के बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा है कि न्याय मिलने तक जंतर-मंतर धरना जारी रहेगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."