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23 February 2025 10:48 pm

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भोजपुरी की भाषाई विरासत बेहद संपन्न है, उसमें प्रतीक और बिम्ब देने की विलक्षण क्षमता है

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट 

देवरिया ,भाटपाररानी। सेवानिवृत्त प्रिंसिपल  रामदुलारे मिश्र ने कहा कि भोजपुरी की मिठास  भाषाई शिल्प-कौशल  को हृदय के उद्गार व  सृजनशीलता का आया आयाम दे रहा है जो संवेदना के स्तर को ग्रहण किया है । सांकेतिक रूप में, छोटे-छोटे बिम्बों के जरिये अभिव्यक्त करने की क्षमता भोजपुरी भाषा में है। भोजपुरी की भाषाई विरासत बेहद संपन्न है, उसमें प्रतीक और बिम्ब देने की विलक्षण क्षमता है,जो  सीधे हृदय को छू जाता है।

उक्त बातें श्री मिश्र सूरवल गांव में भोजपुरी कला कोहबर  समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे उन्होंने  शहरीकरण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बादल भी शहरों के चकाचौंध में फंस गए हैं, जैसे माया नगरी में लोग खो जाते हैं वैसे ही ये बादल भी कहीं खो गए हैं। हमारी इस बेरुखी से मासूम पक्षियों के घोंसले उजड़ रहे हैं। खेतों में जहाँ धान के पौधे लहलाहने चाहिए वहाँ घास  फैल गया है। आखिर मेघ ! तुम कहाँ और कितनी दूर चले गए हो ?

जो ताल-तलैया की ज़मीनें इतनी सूख चुकी हैं कि उनमें दरार आई गई है,  लगता है जैसे उनकी छाती फट गई हो।

वरिष्ठ इंजीनियर रिलिजियस टीचर अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि हिन्दू धर्म में सोलह  अर्थात् षोडश संस्कार का उल्लेख किया जाता है।इनमें  विवाह, यज्ञोपवीत बड़े संस्कार  हैं। संस्कार का अभिप्राय उन धार्मिक कृत्यों से है जो किसी व्यक्ति को अपने समुदाय का पूर्ण रुप से योग्य सदस्य बनाने के उद्देश्य से उसके शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र करने के लिए किए जाते थे, किन्तु हिंदू संस्कारों का उद्देश्य व्यक्ति में अभीष्ट गुणों को जन्म देना हैं। ये हैं 16 संस्कार। गर्भाधान संस्कार, पुंसवन संस्कार, सीमन्तोन्नयन संस्कार, जातकर्म संस्कार, नामकरण संस्कार, निष्क्रमण संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, मुंडन संस्कार, कर्णवेधन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, उपनयन संस्कार, वेदारंभ संस्कार, केशांत संस्कार,सम्वर्तन संस्कार, विवाह संस्कार आदि ।मनु के अनुसार यज्ञोपवीत संस्कार हुए बिना द्विज किसी कर्म का अधिकारी नहीं होता। ये संस्कार होने के बाद ही बालक को धार्मिक कार्य को करने का अधिकार मिलता है। व्यक्ति को सर्वविध यज्ञ करने का अधिकार प्राप्त हो जाना ही यज्ञोपवीत है। पदम् पुराण में उल्लेख है कि करोड़ों जन्म के ज्ञान-अज्ञान में किए हुए पाप यज्ञोपवीत धारण करने से नष्ट हो जाते हैं।आयु,बल,बुद्धि और सम्पत्ति की वृद्धि के लिए यज्ञोपवीत पहनना चाहिए। इसे धारण करने से शुद्ध चरित्र और कर्तव्य पालन की प्रेरणा मिलती है।

समारोह में भोजपुरी गायक वर कवि मोहन राठौर ,अर्चना मिश्रा, अभिषेक कुमार मिश्र ,अजीत तिवारी ,सीमा शुक्ला ,अनीता मिश्रा ,कलावती देवी, राजू तिवारी ,पशुपतिनाथ ,धीरज तिवारी, हिमांशु मिश्र ,रमेश चंद्र मिश्र, अनीता मिश्रा, रंजीता, रीता, अनीता, सुनीता, गुड्डी तिवारी ,धीरज तिवारी ,राजू तिवारी ,कलावती देवी, लीलावती देवी आदि लोग मौजूद रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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