दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
…शाइस्ता के 6 भाई बहन थे। शाइस्ता समेत 4 बहने और 2 भाई। शाइस्ता के पिता अतीक के परिवार को पहले से ही जानते थे….
अतीक अहमद और शाइस्ता परवीन के काले कारनामे लंबे समय से सुर्खियां बने हुए हैं, लेकिन आज बात अतीक की माफियागीरी से अलग उसकी दूसरी दुनिया यानी प्यार मोहब्बत की दुनिया की। अपराधी कितना भी खतरनाक हो, लेकिन अपनों के लिए उसके दिल में मोहब्बत होती ही है। अतीक अहमद (Atique Ahmed) और शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) की लव स्टोरी भी कुछ ऐसी ही है, जिसमें प्यार, मोहब्बत, रुठना मनाना, गिफ्ट देना, कसमे-वादे सबकुछ था।
अतीक अहमद और शाइस्ता परवीन की लव स्टोरी
इस प्रेम कहानी को जानने के लिए 27 साल पीछे चलना होगा। साल 1996 की बात है, अतीक अमहद जुर्म के काले कारनामों को राजनीति की सफेद कपड़ों से ढक रहा था। वो कई सालों से विधायक था। उम्र थी करीब 34 साल। चकिया में वो बड़ा नाम था। कई रिश्ते अतीक के लिए घर में आने लगे थे, इन्हीं रिश्तों में से एक नाम था शाइस्ता परवीन का। वैसे अतीक के लिए लंबे समय से रिश्ते आ रहे थे, लेकिन अतीक को कोई रिश्ता पसंद ही नहीं आ रहा था। शादी की उम्र हो चुकी थी, परिवारवाले जल्द से जल्द अतीक की शादी करवाना चाहते थे।
चकिया से शुरू हुआ माफिया का बेगम से प्यार
शाइस्ता परवीन का परिवार प्रयागराज के दामुपुर में रहता था। पिता पुलिस में नौकरी करते थे। शाइस्ता के 6 भाई बहन थे। शाइस्ता समेत 4 बहने और 2 भाई। शाइस्ता के पिता अतीक के परिवार को पहले से ही जानते थे। तो बस पहुंच गए शाइस्ता का अतीक के लिए रिश्ता लेकर। अतीक के परिवार ने बात अतीक को बताई और फिर चकिया के डॉन लड़की देखने को तैयार हो गया।
पहली नजर में पसंद आ गई थी ग्रेजुएट शाइस्ता
शाइस्ता उस वक्त ग्रेजुएशन कर रही थी। किदवई गर्ल्स इंटरकॉलेज से 12वीं करने के बाद उसने ग्रेजुएशन में दाखिला लिया था। घर के कामों में एकदम परफेक्ट और साथ ही पढाई में भी अव्वल थी शाइस्ता, तो पिता ने भी पढाई के लिए मना नहीं किया। अतीक के परिवार वाले शाइस्ता के घर पहुंचे। अतीक था तो विधायक, लेकिन पढ़ाई लिखाई एकदम चौपट। सिर्फ 8वीं पास अतीक इस बात से खुश था कि उसको ग्रेजुएट पत्नी मिल रही है। शाइस्ता को जब अतीक से मिलवाया गया तो पहली नजर में ही अतीक को वो पसंद आ गई।
अतीक को शाइस्ता का गुस्से वाला अंदाज पसंद था
कहा जाता है कि शाइस्ता काफी गुस्से वाली है। ये बात अतीक को पता थी, लेकिन शाइस्ता का वो गुस्से वाला अंदाज ही यूपी के इस डॉन को भा गया था। कुछ महीने ऐसे ही निकल गए और फिर 2 अगस्त 1996 के दिन अतीक और शाइस्ता का निकाह हो गया। पुलिस क्वार्टर में रहने वाली शाइस्ता अतीक के काले कारनामों से बने महलों की दुल्हन बन गई। अतीक अपराध पर अपराध करता रहा और उसकी बेगम शाइस्ता उसे घर की चारदिवारियों के अंदर से ही उसका साथ देती रही।
अतीक शाइस्ता से पूछकर ही लेता था बड़े निर्णय
अतीक और शाइस्ता के एक के बाद एक पांच बेटे हुए। बेटों के नाम रखे गए अली, उमर, असद, अहजान और अबान। अतीक अहमद बेशक दुनिया के लिए डॉन था, लेकिन शाइस्ता के हर नाज, हर नखरे को उसने उठाया। शाइस्ता परवीन के गुस्से से वो वाकिफ था। उत्तर प्रदेश में बेशक इस डॉन का दबदबा था, लेकिन इनके घर में चलती थी तो बस शाइस्ता की।
अतीक का एक गिफ्ट शाइस्ता कभी नहीं भूल पाएगी
शाइस्ता को खुश करने के लिए अतीक अक्सर उसे महंगे गिफ्ट दिया करता था। काली कमाई होने की वजह से पैसे की तो घर में कभी कमी रही ही नहीं, तो बेगम को खुश रखने में डॉन भी कभी पीछे नहीं रहा। काफी महंगे-महंगे गिफ्त अतीक ने शाइस्ता को दिए, लेकिन एक गिफ्ट जो शाइस्ता को सबसे ज्यादा पसंद था वो था कोल्ड स्टोरेज। जी हां कोल्ड स्टोरेज जिसे शाइस्ता गोल्ड स्टोरेज कहकर बुलाती थी। ये कोल्ड स्टोरेज झूसी के अंदावा में था, जिसे अतीक ने जबरदस्ती इसके मालिक से अपनी बेगम के नाम करवा लिया था। इस कोल्ड स्टोरेज से हर साल शाइस्ता को करीब 3 करोड़ रुपये की कमाई होती थी। ये तीन करोड़ रुपये शाइस्ता अपने निजी खर्चों के लिए इस्तेमाल करती थी।
अतीक-शाइस्ता की लव स्टोरी का बुरा अंजाम
अतीक की मौत के बाद कई तरह की थ्योरी सामने आ रही हैं कि उसकी जिंदगी में कोई और महिला भी थी, लेकिन अतीक के जीते जी ऐसा कोई नाम कभी सामने नहीं आया। शादी, पार्टी कई जगह से शाइस्ता और अतीक के प्यार की तस्वीरें सामने आती हैं। शाइस्ता ने भी अतीक का हर हाल में साथ दिया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."