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24 December 2024 11:31 pm

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भोजपुरिया स्वाभिमान के प्रतीक थे बाबू कुँवर सिंह – अमित

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट 

खामपार भाटपार रानी देवरिया। स्थानीय प्रभा फाउंडेशन कार्यालय पर प्रगतिशील भोजपुरी समाज देवरिया जिला इकाई द्वारा वीर कुँवर सिंह के विजयोत्सव को भोजपुरीया संकल्प दिवस के रूप में मनाया जहाँ अतिथियों ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध वृद्धावस्था में बिगुल फूंकने वाले जगदीशपुर के ठाकुर कुंवर सिंह द्वारा अंग्रेजों पर विजय की गाथा तथा उनके कृतित्व पर प्रकाश डाला ।

गोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए युवा रचनाकार अमित मिश्र ने कहा कि बाबू कुंवर सिंह भोजपुरिया स्वाभिमान व शौर्य के प्रतीक थे। वृद्धावस्था में उन्होंने युवाओं की तरह लड़ते हुए अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे कर दिए । जो देश व समाज के लिए स्तुत्य व अनुकरणीय है।आज भी भोजपुरी माटी से जुड़े लोग देश विदेश में प्रत्येक क्षेत्र में अपना नेतृत्व दे रहे हैं।मुख्य वक्ता भोजपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन सिंह ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक जिन्होंने 80 साल की उम्र में उस ब्रिटिश हुकूमत जिसके हुकूमत का सूर्य अस्त नहीं होता था के विरुद्ध लड़ाई लड़कर जगदीशपुर के किले पर विजय पताका फहराया। ऐसे महान योद्धा के विजयोत्सव दिवस पर उनके जज्बे व बहादुरी को सलाम करते हुए भोजपुरी समाज उन्हें विजय संकल्प दिवस मनाकर याद कर रहा है ।

गुरुकुल अकादमी के निदेशक नितेश सिंह ने कहा कि भोजपुरी व भोजपुरियों की गौरवशाली परंपरा रही है। कुँवर सिंह भोजपुरी समाज के गौरव व देश की थाती हैं।

कार्यक्रम के संयोजक भोजपुरी समाज के जिला सचिव सुरेश कुमार ने कहा कि अंग्रेजो के विरुद्ध लड़ाई के बाद अब भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए लड़ाई लड़नी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वयोवृद्ध शिक्षक लक्ष्मी नारायण शास्त्री रहे तथा कार्यक्रम आयोजक रणजीत कुशवाहा ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर सच्चिदानंद पांडेय ,प्रभुनाथ यादव ,डॉ धनजंय विश्वकर्मा , जयचंद कुमार आदि भोजपुरी समाज से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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