इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। माहे रमजान के महीने का आखिरी जुम्मा जो अलविदा जुम्मा के नाम से जाना और माना जाता है।
आज रमजान के पवित्र और पावन महीना का आखरी जुम्मा जिसको अलविदा जुम्मा कहा जाता है, भाटपार रानी के जमा मस्जिद में अदा किया गया । जमा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना अहमद हुसैन ने अलविदा की नमाज अदा कराई। नमाज अदा से पहले कुतबा में मौलाना अहमद हुसैन ने बताया कि यह जो मुबारक रमजान का महीना आप लोगों के ऊपर से जा रहा है यह बहुत ही मुबारक महीना है और अपने गुनाहों की माफी का महीना है। आप लोग इस महीने में अल्लाह तबारक व ताला से अपने गुनाहों को माफ करा सकते हैं। अल्लाह तबारक व ताला अपने बंदों पर बहुत ही मेहरबान हुआ करता है। यह रमजान का महीना बहुत ही नसीब वालों को मिलता है तथा इस महीने में मुस्लिम समाज के लोगों को कुराने पाक की तिलावत करना चाहिए और नमाज पढ़ना चाहिए तथा साथ ही साथ रोजा रखना चाहिए। इस महीने में रोजा रख कर इबादत करने पर अल्लाह तबारक व ताला अपने बंदों पर बहुत खुश हुआ करता है और जो उसका बंदा रमजान का एहसान करता है और रोजा रखता है इबादत करता है अल्लाह ताला उस के गुनाहों को माफ कर देता है और उसके आफत बला दूर कर देता है।
दुआओं में जमा मस्जिद के पेश इमाम अहमद हुसैन साहब ने कहा कि हमारे देश में अमन और चैन और शांति कायम करें और हमारे देश की तरफ जिस दुश्मन का नजर उठे उसके नजर बंद कर दे। अलविदा की नमाज अदा करने वाले अलविदा की नमाज अदा करने वाले सारे लोग इस दुआ पर आमीन सुम्मा आमीन बोलते रहे।
नमाज के समय भाटपार रानी थाने की पुलिस फोर्स पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त दिखाई दे रही थी और मस्जिद के बाहर गस्त करते हुए मौजूद थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."