google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
प्रयागराज

मकर संक्रांति पर उमड़े श्रद्धालु, संगम स्नान कर मांगा ‘मोक्ष’ ; 7.5 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट 

प्रयागराजः मकर संक्रांति और प्रयागराज का संबंध बताते हुए तुलसीदास ने रामचरित मानस में कहा है- “माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई” यानी माघ में जब सूर्य मकर राशि पर जाते हैं तब सब लोग तीर्थराज प्रयाग की ओर आते हैं। कौन आते हैं और किसलिए आते हैं? इसके बारे में बताते हुए बाबा तुलसी आगे कहते हैं- देव दनुज किन्नर नर श्रेनीं। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनी। यानी देवता, दैत्य, किन्नर और मनुष्य सभी आदरपूर्वक गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान करते हैं।

आज मकर सक्रांति के अवसर पर प्रयागराज में ऐसा ही नजरा देखने को मिला है। माघ मेले के इस दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचा है। आस्था और अध्यात्म के संगम क्षेत्र में 6 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ ही 44 दिन का माघ मेला शुरू हो गया है। यहां तंबूओं की नगरी बस गई है और संतों-महात्माओं का जमावड़ा भी लग गया है।

प्रयागराज में शनिवार को मकर संक्रांति के अवसर पर माघ मेला क्षेत्र में दर्शन-पूजन और स्न्नान के लिए बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का देर रात से ही आना शुरू हो गया था। कड़ाके की ठंड के बावजूद शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी की गोद में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष सभी संगम स्नान को लेकर उत्साहित दिखाई दिए।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  सलाखों में बंद हैं तो क्या हुआ ! इरादे तो बुलंद हैं.. बंदी कैदियों ने उत्तीर्ण किए 10 वीं 12 वीं की परीक्षा

इस बार मकर मकर संक्रांति का पर्व दो दिनों तक मनाया जाएगा। त्रिवेणी संगम में दो दिनों तक आस्था की डुबकी लगाई जाएगी। दरअसल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश किए जाने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। 14 जनवरी की रात करीब 8.43 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। 15 जनवरी की सुबह 6.47 बजे पुण्यकाल होगा, जिसमें पवित्र नदियों में स्नान दान का विशेष महत्व माना गया है। प्राचीन काल से ही लोग माघ महीने में संगम में स्नान और दान करते आ रहे हैं। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देना भी फलदाई माना गया है। मकर संक्रांति पर्व को प्रकृति में क्रांति का दिन भी माना जाता है। ऐसे में इस दिन अन्नदान खासतौर पर तिल के दान का विशेष महत्व बताया गया है।

मकर संक्रांति पर्व को देखते हुए माघ मेला क्षेत्र में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 6 हजार के करीब पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें सिविल पुलिस के साथ ही पीएसी, सीआरपीएफ, आरएएफ और एटीएस के कमांडो शामिल हैं। इसके साथ ही स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग की गई है। जल पुलिस की तैनाती के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी स्नान घाटों पर तैनात रहेंगी। स्नान घाटों पर महिलाओं को किसी तरीके की दिक्कत न हो, इसके विशेष इंतजाम किए गए हैं। घाटों पर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। साथ ही सादी वर्दी में महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती घाटों पर की गई है। पूरे माघ मेला क्षेत्र की निगरानी सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के जरिए भी की जाएगी।

71 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

आप को यह भी पसंद आ सकता है  ट्रैक्टर ट्राली की आमने सामने टक्कर में चार मजदूरों की मौत, 15से अधिक घायल

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close