दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पुलिस (Police) ने निषाद समुदाय के एक परिवार को कथित तौर पर धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने के आरोप में 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 3 महिलाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर परिवार को धमकी दी कि या तो जो कहा जाए वह करो या इलाका छोड़ दो। सात आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह घटना अल्पसंख्यक बहुल जाफराबाद इलाके में हुई जहां शिकायतकर्ता दीपा निषाद का परिवार रहता है। परिवार को कथित तौर पर उनके पड़ोसियों द्वारा परेशान किया गया था। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी 3 महिलाओं सहजदी, मोहरमा , साहिबा और 4 पुरुषों अमीरजादे, इरफान, सोनू और अफरीद के खिलाफ दर्ज की गई थी।
पुलिस ने 3 महिलाओं को किया गिरफ्तार
बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने कहा कि तीनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है और बाकी लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। शिकायतकर्ता ने कहा कि 7 लोग अक्सर उस पर मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित अपना घर बेचने के लिए दबाव डालते थे। पड़ोसियों ने कथित तौर पर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी।
पीड़िता ने घटना का वीडियो किया था रिकॉर्ड
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि गिरफ्तार 3 महिलाओं ने एक बार उसके घर के अंदर घुसकर मई में परिवार द्वारा बनाए गए मंदिर में थूक दिया था, इस घटना का उसने वीडियो रिकॉर्ड किया था। उन्होंने कहा कि वीडियो जारी करने के बाद पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि अपराधियों पर धर्म परिवर्तन और मंदिर को अपवित्र करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने हस्तक्षेप कर सुलझाया था मामला
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि किसी नाले को लेकर विवाद हुआ हो, जिसके बाद मामला बढ़ गया। उन्होंने कहा कि उनके बीच इसी तरह का टकराव 20 दिसंबर को हुआ था जो पथराव में समाप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने तब हस्तक्षेप किया था और आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया गया था।
Author: samachar
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