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बाराबंकी

साहब..रहम करिए.. इतनी दूर घर बनाय का कैसे रह पाइब..बाढ से उत्पन्न विस्थापन की पीड़ा झेलते किसान 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बाराबंकी: निरीक्षण के दौरान सुंदर नगर से आए 70 साल के किसान खुशीराम ने एडीएम राकेश सिंह के सामने हाथ जोड़ कर अपना दर्द बयां करते हुए भावुक हो गए। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बाढ़ पीड़ित के विस्थापन प्रक्रिया के बीच किसान एडीएम के आगे हाथ जोड़ कर रहम की भीख मांगते नजर आए। वहीं एडीएम ने किसान से दो टूक कहा है कि रहना हो तो यहीं रहना पड़ेगा। इसके अलावा कहीं और जमीन नही मिलेगी।

दरअसल रामनगर क्षेत्र में सरयू (घाघरा) नदी की तराई में बसे बाढ़ पीड़ितों के विस्थापन के लिए प्रशासन तैयारी में जुटा है। जिसके तहत करीब 2100 बाढ़ पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर आवास देने की योजना तैयार की है।आवास प्रक्रिया से पहले बाढ़ पीड़ितों को घर बनाने के लिए जमीन का आवंटन किया जाएगा। जिस पर वह अपना आशियाना बना सकेंगे। जिसको लेकर शनिवार को एडीएम राकेश सिंह ने रामनगर एसडीएम तान्या सिंह के साथ आवंटित की जाने वाली भूमि का निरीक्षण करने पहुंचे।उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को विस्थापित करने के लिए दो गांवों में पर्याप्त भूमि होने का दावा करते हुए चिंहित भूमि की पैमाइश कराने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए।

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किसान ने अफसरों से मांगी रहम की भीख

साहब..रहम करिए.. इतनी दूर घर बनाय का कैसे रह पाइब.. अरे साहब.. खेत खलिहान भी तो देखना है.. हम भले ही बाढ़ के पानी में डूब जाएं, लेकिन इतनी दूर रहने नहीं जाएंगे। निरीक्षण के दौरान सुंदर नगर से आए 70 बरस के किसान खुशीराम ने एडीएम राकेश सिंह के सामने हाथ जोड़ कर अपना दर्द बयां करते हुए भावुक हो गए। खुशीराम की आंखों में आंसू थे और माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थी।

एडीएम की ‘दो टूक’

मदद की गुहार लगा रहे बाढ़ पीड़ित किसान से एडीएम राकेश सिंह ने साफ तौर पर कह दिया कि आपको बंधे के इस पार रहना है तो वहीं रहना होगा। इसके अलावा कोई और जमीन नहीं मिलेगी।

3 किलोमीटर दूरी पर विस्थापन

बाढ़ पीड़ितों के विस्थापन के लिए बतनेरा और पर्वतपुर ग्राम पंचायत में आवास के लिए जमीन आवंटित की जाएगी। लेकिन यह जमीन बाढ़ पीड़ितों के गांव से तीन किलोमीटर दूर है। इससे बाढ़ पीड़ित अपने खेत के लिए चिंतित नजर आ रहे हैं। सुंदनगर निवासी आनंद मिश्र, छेदी, सुंदर, छेदी, नरेश कुमार, बाबादीन आदि बाढ़ पीड़ितों को आरोप है कि तीन किलोमीटर दूर जो जमीन मिलेगी, वहां घर बना कर खेत खलिहान की देखभाल नहीं हो पाएगी। रामनगर एसडीएम तान्या सिंह का कहना है कि 21 सौ बाढ़ पीड़ित परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन आवंटित की जानी है। इसके लिए जमीन आवंटन की योजना बना ली गई है। बहुत जल्द जमीन का पट्टा दिया जाएगा।

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मूलभूत सुविधाओं से लैस होंगे आवास– एडीएम

एडीएम ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को आवास बनाने के लिए जो जमीन दी जानी है। वहां प्रशासन बिजली, पानी, सड़क समेत सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराएगा। इसके अलावा विस्थापित बाढ़ पीड़ितों के लिए उनकी बस्ती के बीच खेल मैदान और पॉर्क भी होगा। 2100 परिवारों में सुंदरनगर, कोडरी, सरसंडा, डिहुआ, पर्वतपुर अकौना, पूरनपुर, फाजिलपुर आदि गांवों के बाढ़ पीड़ित शामिल हैं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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