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लखनऊ

गरजते बादल कहीं मौत की बिजली गिरा रहे हैं तो झूमती बारिश की बूंदें दीवारें और छतें गिराकर ले रही हैं जानें

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

लखनऊ,  अतिवर्षा और बाढ़, इस दोहरी आफत से उत्तर प्रदेश के जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। रविवार से शुरू वर्षा कई जिलों में सोमवार को भी जारी रही। भारी वर्षा से कई जगहों पर पानी भर गया। कानपुर-लखनऊ हाईवे की सर्विस लेन धंस गई। गरजते-बरसते बादलों के बीच कड़कती बिजली 10 जिंदगियों पर मौत बनकर गिरी। उधर, विभिन्न जिलों में कच्चे मकान, छत व दीवार ढहने से 13 लोगों की मौत हो गई। दूसरी ओर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सीतापुर और गोरखपुर में बाढ़ से हालात भयावह हैं। लखीमपुर में पलिया निघासन और गोला में भी कई गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।

शारदा, घाघरा और सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बलरामपुर में पांच लोग पानी में बह गए। इनमें एक महिला की मौत हो गई, चार लापता हैं। बलरामपुर के कौआपुर-गैंजहवा रेल मार्ग पानी में डूब जाने के कारण पूर्वोत्तर रेलवे ने गोंडा-बलरामपुर मार्ग की ट्रेनों का संचालन स्थगित कर दिया गया है। गोरखपुर में सरयू, राप्ती, गोर्रा व रोहिन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गोरखपुर से गोंडा वाया बढ़नी होकर लखनऊ जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों को खलीलाबाद होते हुए चलाया जा रहा है। सिद्धार्थनगर, बस्ती व महाराजगंज में भी नदियों का यही हाल है।

उत्तर प्रदेश में हो रही अत्यधिक वर्षा से बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रदेश के 17 जिलों के 944 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण इन जिलों की 8.43 लाख जनसंख्या प्रभावित है। राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार गंगा नदी बदायूं, शारदा नदी लखीमपुर खीरी, सरयू बबई नदी बहराइच, घाघरा नदी बाराबंकी, अयोध्या व बलिया, राप्ती नदी श्रावस्ती, बलरामपुर व गोरखपुर, बूढ़ी राप्ती सिद्धार्थनगर, रोहिन नदी महाराजगंज और क्वानो गोंडा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अत्यधिक वर्षा से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी खुद क्षेत्र का भ्रमण कर आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाएं। जनहानि तथा पशुहानि के प्रकरणों में पीड़ितों को अविलंब अनुमन्य सहायता राशि प्रदान की जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की टीम सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाए। उनके रहने और भोजन की समुचित व्यवस्था करे। जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में पंप लगाकर जलभराव की समस्या को तत्काल दूर करें। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों के संचालन के लिए राजस्व, पुलिस, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं।

झांसी में 7 किसानों की बिजली गिरने से मौत

झांसी में अलग-अलग क्षेत्रों में खेतों पर काम कर रहे सात किसानों की बिजली गिरने से मौत हो गई। बांदा और अंबडेकरनगर में भी बिजली गिरने से दो महिलाओं समेत दो लोगों की मौत हो गई। कानपुर के बिठूर, बिधनू के साथ ही कन्नौज और फतेहपुर जिले में छत ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई। कानपुर देहात में कच्चे मकान पर बिजली गिर गई और दीवार गिरने से दबकर युवती की मौत हो गई।

इन जिलों में भी हुए हादसे

उन्नाव जिले के सोहरामऊ के पटकापुर मजरा हसनापुर दीवार गिरने से चारपाई पर सो रही महिला की मलबे में दबकर मौत गई। हरदोई में छत गिरने से 85 वर्षीय वृद्धा की मौत हो गई। वर्षा के बीच पीलीभीत में बरेली रोड पर ईको सवारी वाहन पर पेड़ गिरने से एक मजदूर की मृत्यु हो गई। बदायूं में कच्चा मकान गिरने से किसान की मौत हो गई। महराजगंज में अमृत सरोवर में अचानक मिट्टी धंसने से बालिकाओं सहित तीन बच्चे डूब गए, जिनमें दो बच्चियों की मौत हो गई।

रामपुर में छह स्थानों पर मकान गिरे

अमरोहा के गांव फरौटा स्थित प्राथमिक विद्यालय का जर्जर भवन गिर गया, वहीं गांव तेलीपुरा में मकान गिरने से दबकर एक महिला की मौत हो गई। रामपुर में छह स्थानों पर मकान गिरने से सात लोग घायल हो गए। कोसी नदी की धार से प्राणपुर पुल कट जाने से आवागमन बंद हो गया है। जिले में अगले दो दिन इंटर तक के स्कूल बंद रहेंगे। बिजनौर में मंगलवार को भी स्कूल बंद रखने की घोषणा कर दी गई है।

टूटा आठ वर्ष पुराना रिकार्ड

मौसम विभाग ने 13 अक्टूबर तक प्रदेश भर में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। तेज हवा, गरज और चमक के साथ बारिश के लिए चेतावनी भी जारी की गई है। सोमवार को राजधानी में 50.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे पहले 14 अक्टूबर 2014 को 41.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी। 2014 में अक्टूबर के महीने में 76.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इन दोनों रिकार्ड को बारिश ने 2022 में 10 दिनों में ही तोड़ दिया है। बीते 10 दिनों में राजधानी में 137.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज हो चुकी है। मौसम विभाग के राज्य स्तरीय पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार को श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, बहराइच, बांदा, प्रयागराज और चित्रकूट में गरज चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी है।

दिल्ली और उत्तराखंड की बसें निरस्त

बारिश के कारण सोमवार को राजधानी से रवाना होने वाली अधिकांश रोडवेज बसों का संचालन निरस्त कर दिया गया। आनलाइन बुकिंग करने वाले यात्रियों ने भी अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी। आलमबाग से दिल्ली रूट की आठ सेवाएं, उत्तराखंड रूट की तीन सेवाएं निरस्त की गईं।

चारबाग से छोटी दूरी के लिए चलने वाली कानपुर और रायबरेली रूट की छह बसें यात्री अभाव के चलते रवाना नहीं की जा सकीं। कैसरबाग बस अड्डे से सीतापुर रूट की चार और अयोध्या-गोरखपुर रूट की आठ बसों का संचालन नहीं हो सका।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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