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मौसम

आपदा बनकर गिर रही बारिश की बूंदें फैला रही है तबाही का मंजर, पिछले 24 घंटे में दो की मौत, जनजीवन अस्त व्यस्त 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

दशहरे के बाद भी उत्तर प्रदेश में बारिश से राहत नहीं मिल रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई है। जगह-जगह जलभराव से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। दो लोगों की मौत भी हो गई है। मैसम विभाग ने अगले दो दिनों तक मौसम ऐसे ही रहने की संभावना जताई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पिछले कई दिनों से हो रही बेमौसम भारी बारिश से प्रभावित जिलों में पूरी मुस्तैदी से राहत कार्य चलाने और किसी तरह की जनहानि और पशुहानि के पीड़ितों को तुरंत सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं।

हरियाणा और आसपास के इलाकों पर बने चक्रवातीय दबाव के चलते उत्तर प्रदेश में अभी दो दिन मौसम और बिगड़ा रहेगा। मौसम निदेशक जे.पी.गुप्ता ने सोमवार को बताया कि 11 व 12 अक्तूबर को प्रदेश के विभिन्न अंचलों में कहीं भारी तो कहीं सामान्य बारिश होने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में विदा होते मानसून की अब तक की यह सबसे ज्यादा बारिश है।

लगातार हो रही बारिश की वजह से खेती को भारी नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग इस नुकसान का आंकलन करवा रहा है। राहत आयुक्त ने भी जिलों से इस बारिश की वजह से जन-धन की हानि की रिपोर्ट मंगवाई है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की शाम साढ़े पांच बजे से सोमवार की सुबह साढ़े आठ बजे के दरम्यान राज्य में सबसे अधिक 23 सेंटीमीटर बारिश बरेली के मीरगंज में हुई। 

बरेली के ही नवाबगंज में 18, बिजनौर के नजीबाबाद व नगीना में 17-17, जालौन की कालपी तहसील में 12, हमीरपुर के शहजीना में 11, मेरठ के मवाना व बदायूं के दातागंज में 10-10, सम्भल में नौ, खीरी के सरदारनगर में 15, प्रतापगढ़ के कुण्डा में 13, सीतापुर के नीमसार व बाराबंकी रामनगर में भी 13-13, कानपुर देहात के अकबरपुर, उन्नाव के हसनगंज में 10, सीतापुर के भटपुरवाघाट, फतेहपुर के बिंदगी व हरदोई में आठ-आठ, सीतापुर के मिश्रिख, कन्नौज व लखनऊ में सात-सात सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई।

उधर, कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस अतिवृष्टि से खेती को भारी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के सेवानिवृत्त उप निदेशक सी.पी.श्रीवास्तव का कहना है कि तिल, मूंग व उड़द की फसलें तो पूरी तरह बर्बाद हो गईं। धान की तैयार होती फसल करीब 30 फीसदी खेतों में बिछ गई हैं। इसके साथ ही औद्यानिक फसलों में तैयार होते केले और लता वाली सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है।

उन्होंने किसानों को सलाह दी कि खेतों में भरे पानी को मेड़ काटकर निकाल दें और धान के खेतों में फिलहाल यूरिया व डीएपी का इस्तेमाल अभी बिल्कुल न करें। संयुक्त निदेशक कृषि (प्रसार) आर.के.सिंह ने बताया कि इस भारी बारिश से खेती को हुए नुकसान का आंकलन करवाया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से आच्छादित किसानों को तो तत्काल नुकसान की भरपाई मिलेगी बाकी किसानों को हुए नुकसान के बारे में भी निर्णय लिया जाएगा।  

अमेठी के जामो इलाके में रविवार रात बारिश के बीच एक कच्चा मकान ढह जाने से मलबे में दबकर राम सजीवन (37) नामक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, प्रतापगढ़ के उदयपुर थाना क्षेत्र स्थित रेउआ लालगंज गांव के रहने वाले दिलीप सिंह (30) की भारी बारिश के कारण कच्चा मकान सोमवार सुबह ढहने से मलबे में दबकर मौत हो गई। 

बाराबंकी से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के बांधों से घाघरा नदी में छोड़े गए पानी से जिले की तीन तहसीलों-सिरौलीगौसपुर, रामनगर और रामसनेहीघाट क्षेत्र के 80 गांवों की करीब दो लाख आबादी पर संकट मंडराने लगा है। इन गांवों में बने स्कूल और अस्पताल भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। 

पर्वतपुर और तेलवारी गांव के पास तेज़ कटान से कई मकान नदी में समा चुके हैं। इन गांवों के एक दर्जन और मकान भी कटान के मुहाने पर हैं। संपर्क मार्गों पर पानी बहने के कारण लोग परिजनों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं। वहीं, बाढ़ पीएसी भी बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रही है।

घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 78 सेमी ऊपर बह रही है। संपर्क मार्गों पर पानी भर जाने से इनका संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है। तराई में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है, जिससे बाढ़ पीड़ितों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। नदी का जलस्तर एक सेमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। नदी का जलस्तर अभी और बढ़ने की आशंका है।

बलरामपुर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में आई बाढ़ से गोंडा-बढ़नी गोरखपुर रेलवे मार्ग पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से रेलगाड़ियों का संचालन रोक दिया गया है। बलरामपुर स्टेशन के अधीक्षक पी आर सोमवंशी ने बताया कि गैजहवा और कोवापुर स्टेशनों के बीच पुल संख्या 149 पर पानी आ जाने के कारण अपराह्न दो बजकर 45 मिनट से रेलगाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी है तथा पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से करीब दो दर्जन ट्रेन के आवागमन पर प्रभाव पड़ा है।

उन्होंने बताया कि रेलगाड़ियों का आवागमन बंद होने से हजारों यात्रियों पर प्रभाव पड़ेगा और अगले आदेश तक ट्रेन संचालन बंद रहेगा। इस बीच, बदायूं से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले में भारी बारिश और तेज हवा चलने से सरसों, उड़द और बाजरा की खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। इसके अलावा नवनिर्मित रोडवेज बस अड्डे की एक दीवार भी ढह गई। बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने कहा कि बारिश और बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है और प्रभावित किसानों को जल्द मदद दी जाएगी। 

प्रदेश में हो रही इस बेमौसम बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और खेतों में खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके अलावा अनेक शहरी इलाकों में भी जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है।

मुख्यमंत्री ने बेमौसम अत्यधिक बारिश से प्रभावित जिलों में राहत कार्य तेज करने और जलभराव वाले क्षेत्रों में निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को खुद मैदान में उतरने का निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों को क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों पर नजर रखने की हिदायत देते हुए कहा है कि अधिकारी बाढ़ के कारण होने वाली किसी भी तरह की जनहानि और पशुहानि पर तत्काल पहुंचकर सहायता प्रदान करें।

आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की टीम सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाए और साथ ही उनके रहने और भोजन की समुचित व्यवस्था करे। उन्होंने राहत कार्यों के संचालन के लिए राजस्व, पुलिस, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को सक्रिय रहने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव की स्थिति में प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था के लिए आवश्यकतानुसार पंप लगाकर जल-जमाव की समस्या का समाधान किया जाए। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान बरेली के मीरगंज में सबसे ज्यादा 23 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।

इसके अलावा बरेली के ही नवाबगंज में 18, बिजनौर के नजीबाबाद और नगीना में 17-17, बिजनौर नगर में 16, लखीमपुर खीरी के शारदा नगर में 15, प्रतापगढ़ के कुंडा, सीतापुर के नीमसार और बाराबंकी के रामनगर में 13-13, कानपुर देहात के अकबरपुर और जालौन के कालपी में 12-12, हमीरपुर, बाराबंकी के फतेहपुर, बहराइच के कैसरगंज तथा कन्नौज के तिर्वा में 11-11 सेंटीमीटर, लखीमपुर खीरी जिले के निघासन, प्रतापगढ़ के पट्टी और उन्नाव के हसनगंज में 10-10 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान भी अनेक स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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