दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बलरामपुर : एक साल पहले गाजियाबाद के मुरादनगर में अंत्येष्टि स्थल की छत गिरने से 23 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना से जिले के अधिकारियों ने सबक नहीं लिया। विशुनीपुर मुहल्ले में 33.60 लाख से छह माह पूर्व निर्मित शवदाह स्थल रविवार को तड़के हुई बारिश में ढह गया। पहली बारिश ने ही अंत्येष्टि स्थल निर्माण में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की कलई खोल दी। टिन शेड उड़कर बाहर सड़क पर जा गिरा। गनीमत रही कि यह घटना रात में हुई। इससे कोई चपेट में नहीं आया। अब नपाप के संरक्षण में ठेकेदार आनन-फानन मरम्मत कर गलती पर पर्दा डालने की फिराक में हैं।
विशुनीपुर में अंत्येष्टि स्थल का निर्माण छह माह पूर्व कराने की बात मुहल्लेवासियों ने बताई। जबकि नपाप वर्ष 2019 में निर्माण की दुहाई दे रहा है। रविवार को तड़के तेज आंधी के साथ हुई बारिश में शवदाह स्थल की टिन शेड उड़कर करीब 50 मीटर दूर मुख्य सड़क पर जा गिरी।
गौरतलब हो कि दिन के समय इस सड़क पर लोगों का आवागमन बना रहता है। यही नहीं लोगों के बैठने के लिए बने बेंच, शेड का पिलर आदि भरभराकर ढह गया। स्थानीय निवासी ने बताया कि निर्माण के समय ही आरसीसी पिलर के लिए कहा गया था, लेकिन ठेकेदार अजमत, अवर अभियंता भरत सिंह व अधिशासी अधिकारी ने अनुसना कर दिया। लोगों ने बताया कि अंत्येष्टि स्थल को ऊंचा करने के लिए कब्र की मिट्टी खोदकर डाली गई। ठेकेदार ने एक ट्राली मिट्टी तक नहीं गिराई। बताया यह भी गया कि निर्माण में गुणवत्ता व मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं हैं। ठेकेदार से लेकर नपाप के सभी अधिकारियों ने कमीशन की चाह में बिना जांच के क्लीन चिट दे दी। यदि आंधी दिन के समय आती तो बड़ी घटना हो सकती थी। ठेकेदार का कहना है कि अवर अभियंता ने ही ईंट का पिलर लगाने को कहा था।
Author: samachar
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