मास्टर लालमन की रिपोर्ट
अतर्रा(बांदा)। प्राथमिक विद्यालय पचोखर-2 (अंग्रेजी माध्यम) क्षेत्र महुआ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मना कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर बच्चों ने विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किये। प्रधानाध्यापक प्रमोद दीक्षित मलय ने बाबासाहेब अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें मानवता के उत्थान के लिए समर्पित व्यक्तित्व बताया।
भारत के संविधान निर्माता भारत रत्न महापुरुष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती प्राथमिक विद्यालय पचोखर-2 में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। बच्चों ने गीत, कहानी, कविता, नृत्य प्रस्तुत किए। शिक्षिका नीलम कुशवाहा ने अम्बेडकर जी के जीवन प्रसंगों पर आधारित एक क्विज का आयोजन किया जिसमें बच्चों ने भागीदारी कर सवालों के जवाब दिये तो वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन प्रसंग साझा करते हुए उन्हें मानव मूल्यों, आदर्शों एवं पीड़ित जन का हितैषी बताते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर देश के विकास के लिए सामाजिक समरसता को महत्वपूर्ण मानते थे। उनकी दृष्टि में सभी इंसान बराबर थे और वह किसी भी प्रकार के भेदभाव एवं गैर-बराबरी के विरोधी थे। भारत के अलावा अन्य देशों में भी उनकी विद्वता की धाक थी। उन्होंने कई किताबों की रचना की। देश के पहले कानून मंत्री के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक महेंद्र गुप्ता ने किया। राकेश द्विवेदी, ज्योति उपाध्याय, उर्मिला कुशवाहा, सीमा और शांती ने भी चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
Author: samachar
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