चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ। ऊर्जा निगमों में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में बिजली अभियंता और जूनियर इंजीनियर 15 मार्च से पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन करेंगे। उन्होंने प्रबंधन पर कर्मचारियों के मन में भय का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाया हैं। विद्युत अभियंता संघ और जूनियर इंजीनियर संगठन का आरोप है कि बिजली विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए नीचे स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।
छोटे कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे तंग आकर विद्युत अभियंता संघ और जूनियर इंजीनियर संगठन ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। आंदोलन के दौरान इंजीनियर अपने अधिकारियों और एमडी के आदेश का पालन नहीं करेंगे। इतना ही नहीं वे किसी काम में सहयोग भी नहीं करेंगे।
अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह, महासचिव प्रभात सिंह एवं जूनियर इंजीनियर्स संगठन के अध्यक्ष जीबी पटेल ने कहा कि यूपी के बिजली निगमों में ईआरपी प्रणाली लागू कराने से लगभग 700 करोड़ रुपए का खर्च ऊर्जा निगम प्रबन्ध द्वारा किया गया। इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार किया गया है। महाराष्ट्र में लगभग 90 करोड़ रुपए, आंध्रप्रदेश में लगभग 25 करोड़ रुपए ,तमिलनाडु में लगभग 40 करोड़ ईआरपी में खर्च किए गए। जबकि यूपी में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आया।
कोल इंडिया का भुगतान न कर महंगी बिजली खरीदी
इंजीनियरों का आरोप है कि कोल इंडिया का भुगतान नहीं किया गया। एनर्जी एक्सचेंज से 20-21 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी गई। ईआरपी में हुए भ्रष्टाचार और कोयले का भुगतान उत्पादन निगम को धनराशि उपलब्ध न कराने की सारी जिम्मेदारी शीर्ष प्रबंधन की है। उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगमों के वर्तमान अध्यक्ष महोदय द्वारा ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने से लेकर अब तक इस सम्बन्ध में वार्ता की कोई पहल नहीं की गई।
Author: samachar
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