पुनीत नौटियाल की रिपोर्ट
दमोह। जिले के हटा सिविल अस्पताल की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां नर्सिंग स्टाफ ने नवजात बच्चे की गर्भनाल काटने के बाद उसी के साथ कैंची फंसी छोड़ दी गई। बच्चे के लगातार रोने पर परिवार वालों ने कपड़ा हटाकर देखा तो इस लापरवाही का पता चला। जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से इसकी शिकायत की।
ग्राम मानपुरा निवासी रामगोपाल लोधी ने अपनी पत्नी रेखा लोधी (24) को 29 जनवरी को प्रसव पीड़ा होने पर हटा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। शिकायत के बाद प्रबंधन ने 31 जनवरी को परिजनों को अस्पताल बुलाकर कैंची निकाली।
रेखा को अस्पताल में भर्ती करने के बाद वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने महिला की डिलीवरी होने में समय बताया। इसी बीच प्रसूता बाथरूम गई। जहां दोपहर करीब 1.30 बजे उसे बाथरूम में ही प्रसव हो गया।
सूचना पर वहां मौजूद स्टाफ प्रसूता को वार्ड में लाया। यहां नर्स ने नवजात का गर्भनाल कैंची से काटा और कैंची गर्भनाल में ही फंसी छोड़ दी। नवजात को कपड़े में लपेट दिया। इसके बाद प्रसूता और नवजात की छुट्टी कर शाम को घर भेज दिया गया। घर पर बच्चे के रोने पर परिवार वालों ने देखा तो नवजात की गर्भनाल में कैंची लटक रही थी। उन्होंने तुरंत मामले की सूचना आशा कार्यकर्ता को दी। कार्यकर्ता ने अस्पताल में सूचना दी। इसके बाद प्रसूता को अस्पताल बुलाया गया और कैंची को निकाला गया।
प्रसूता के पति रामगोपाल लोधी ने बताया कि 29 जनवरी को पत्नी का प्रसव सिविल अस्पताल में हुआ था। अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही करते हुए बच्चे की गर्भनाल में कैंची फंसी छोड़ दी।
रामगोपाल ने मामले में हटा SDM को शिकायती आवेदन दिया है। मानसिक और शारीरिक क्षतिपूर्ति दिलाने और लापरवाह लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."