सुहानी परिहार की रिपोर्ट
इंदौर। ‘सुबह मैं सो कर उठा ही था। लाइट चली गई थी, किसी ने दरवाजा जोर से खटखटाया तो पता चला कि आग लगी है। गेट खोला तो अंधेरा सा था। कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। होटल में चारों तरफ धुआं भर चुका था। बाहर निकलने के लिए फायर एग्जिट ढूंढा, लेकिन वहां भी बहुत ज्यादा धुआं था। किस्मत से मेरे रूम में पीछे की तरफ एक खिड़की थी, जिसे खोला और लटक कर जैसे-तैसे फोर्थ से थर्ड फ्लोर पर गया। वहां इमरजेंसी एग्जिट थी, मैं सीढ़ियों से नीचे आया। इसके बाद मेरे साथ वाले अन्य लोगों को भी एक-एक कर बाहर निकाला गया।’
ये आंखों देखी बताई दिल्ली (फरीदाबाद) निवासी दीपक मुंजाल ने, जो पिछले 3 दिन से इंदौर के राऊ सर्कल स्थित होटल पपाया ट्री में ठहरे थे। तीन सितारा इस होटल में बुधवार सुबह अचानक आग लग गई। आग लगने के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो सका है। हालांकि आशंका ये जताई जा रही है कि होटल के किचन से शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। आग के कारण होटल के कमरों और गलियारों में धुआं ही धुआं फैल गया था।
दीपक ने आगे बताया – 5वें फ्लोर पर 8 लोगों की फैमिली रुकी हुई थी, उन्हें निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, इमरजेंसी के नाम पर होटल में कुछ भी नहीं मिला। कोई अलार्म नहीं बजा। इसका हौज खोला वो नहीं खुला, बाद में पता चला कि उसमें पानी तक नहीं था।”
चद्दर की रस्सी बनाकर नीचे आया
होटल में रविवार शाम से ठहरे महाराष्ट्र से आए शरजी राव ने बताया – आग लगने के बाद हमारे कुछ साथी दौड़कर नीचे आए और उन्होंने फोन कर बताया कि होटल में आग लगी है, नीचे आ जाओ। मेन डोर खोला तो पूरा धुआं था । हम उससे नीचे नहीं आ सकते थे। काफी देर तक कोई मदद हमें नहीं मिली। कमरे की खिड़की के पास मैं मदद के लिए इंतजार करता रहा। फिर चद्दर की रस्सी बनाकर नीचे आए। हमारे एक साथी का हाथ इस दौरान फिसल गया और वो फ्लोर पर गिर गया, उसे चोट लगी है। होटल में अलर्ट सिस्टम ही नहीं है। पैसा तो बहुत लेता है, लेकिन सिस्टम कुछ नहीं है।
फायर ब्रिगेड को 6 बजकर 50 मिनट पर मिली सूचना
सुबह जैसे ही होटल में आग लगी तो अफरा-तफरी मच गई। लोग रूम में सोए हुए थे, उन्हें पता ही नहीं था कि क्या हो गया है। ग्राउंड फ्लोर पर होटल का किचन बना हुआ है, आशंका है कि यहां शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी और धीरे-धीरे फैलती चली गई। 5 मंजिला होटल के कमरों में ठहरे लोग वहीं फंस गए। आग सुबह करीब 6.30 बजे लगी थी।
आग पर काबू पाने के लिए होटल प्रबंधन के पास कोई इंतजाम नहीं थे। लाइट बंद कर दी गई थी, जिससे होटल में आगजनी की घटना को रोकने के लिए लगाया गया हाइडेन किसी काम का नहीं रहा, जबकि इसे जनरेटर से कनेक्ट होना चाहिए था। थोड़ी ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। लोगों की तरफ से फायर ब्रिगेड को सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर सूचना दी गई।
कमरों में धुआं ही धुआं था, दूर से दिख रही थी आग की लपटें
थोड़ी ही देर ही में फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। फायर एसपी आरएस निगवाल, एसआई संतोष दुबे, आरक्षक कमल लिंबा सहित अन्य ने रेस्क्यू शुरू कर दिया। राऊ थाना प्रभारी नरेंद्र रघुवंशी भी टीम सहित पहुंच गए थे। होटल में 49 रुम है और सभी में लोग रूके हुए थे। ज्यादातर कॉर्पोरेट क्लाइंट थे। होटल के कमरों में धुआं ही धुआं था और दूर से ही आग की लपटे बाहर खड़े लोगों को नजर आ रही थी।
होटल के बाहर एबी रोड पर भी लोगों की खाफी भीड़ जमा हो गई थी। एम्बुलेंस और पानी के टैंकर भी बुलवा लिए गए थे। अलग-अलग फ्लोर पर फंसे लोगों को रोप लेडर (रस्सी वाली सीढ़ी), क्रेन के माध्यम से होटल की खिड़की के जरिए एक-एक कर सुरक्षित नीचे उतारा गया। धुएं ही वजह से कमरों में फंसे लोग घबरा गए थे।
83 साल की बुजुर्ग को गोद में उठाकर बाहर लाए थाना प्रभारी
होटल के पांचवें फ्लोर पर फंसे लोगों को निकालने में काफी परेशानी रेस्क्यू टीम को उठानी पड़ी। कमरा नंबर 501,504, 506 में फंसे आठ लोग जयलक्ष्मी हरिहर उम्र 83 साल, मीनाक्षी 82 साल, सुधीर, वलसन हरिहर, रविकुमार, दिनेश कुमार कर्णिक, सत्यवीर शामिल थे। इन्हें सीढ़ियों से सुरक्षित निकाला गया। बुजुर्ग महिला जय लक्ष्मी हरिहर को राऊ थाना प्रभारी नरेंद्र रघुवंशी गोद में उठाकर बाहर लाए, वो काफी ज्यादा घबरा गई थीं। उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल रेफर किया गया।
45 लोगों को रेस्क्यू कर होटल से बाहर निकाला
45 लोगों को रेस्क्यू कर होटल से बाहर निकाला गया। जिसमें होटल स्टाफ भी शामिल है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक से डेढ़ घंटे के अंदर ही लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। एसडीईआरएफ की टीम भी मदद के लिए मौके पर पहुंच गई थी।
घटना में किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। कुछ लोग एक-फ्लोर से दूसरे फ्लोर पर चद्दर की रस्सी से भी खुद नीचे उतरे, मगर आग पर काबू पाने में समय लगा। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर कंट्रोल तो कर लिया था मगर उसे पूरी तरह बुझाने में उन्हें लगभग 4 घंटे लग गए। इस दौरान 75 हजार लीटर पानी डाला गया।
जिसे जो सूझ रहा था वो वैसे मदद कर रहा था
राऊ थाना प्रभारी नरेंद्र रघुवंशी ने बताया – पांचवें फ्लोर पर बुजुर्ग महिला जयलक्ष्मी हरिहर फंसी हुई थी। वहां सफोगेशन था। सभी फ्लोर पर धुआं था। हम लोग पीछे और आगे से गए और फिर इकट्ठा होकर उन्हें बाहर निकाला। जिसे जो सूझ रहा था वैसे मदद कर लोगों को होटल से सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जा रही थी।
होटल की राईट साइड रस्सी वाली सीढ़ी की मदद से लोगों को निकाला जा रहा था तो लेफ्ट साईड क्रेन के जरिए रूम में फंसे लोगों को बाहर लाया गया। कुछ को हम होटल की सीढ़ियों से लेकर आए। बच्चे तो कमरों में नहीं थे, लेकिन बुजुर्ग महिलाएं थी। एफएसएल की टीम जांच करेगी, जिसमें आग लगने के कारणों का खुलासा होगा।
मौके पर एक्सपायरी डेट के अग्निशमन यंत्र मिले
होटल प्रबंधन के प्रवीण अग्रवाल से घटना के संबंध में जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। 2017 में इस होटल को उन्होंने टेक ओवर किया है। इससे पहले होटल के ऑनर कोई और थे। साल 2013-14 में होटल के निर्माण की बात कही जा रही है। होटल प्रबंधन ने फायर सेफ्टी की व्यवस्था होने का दावा किया। तीन साल की फायर एनओसी की भी बात कही है लेकिन लापरवाही नमूना ये है कि आग बुझाने के लिए जिन अग्निशमन यंत्रों का इस्तेमाल किया गया वो एक्सपायरी डेट के थे। इनके बारे में जब पूछा गया तो किसी ने जवाब नहीं दिया और स्टाफ को बोल कर उन्हें मौके से हटा दिया गया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."