बहराइच में CM योगी के दौरे से पहले भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने से हड़कंप। 36 लोग हिरासत में, कंपनी की लापरवाही उजागर। भाजपा विधायक ने सुरक्षा चूक का हवाला देकर मुख्यमंत्री का दौरा रद्द करने की मांग की।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्तावित दौरे से पहले बहराइच जिले में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिलने से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। इस घटना ने न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता को बढ़ा दिया है, बल्कि स्थानीय राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि अल्फा जिओ लिमिटेड नामक एक पेट्रोलियम कंपनी वहां पेट्रोल और डीजल की खोज के लिए ड्रिलिंग कर रही थी, जिसके दौरान विस्फोटकों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा था।
जैसे ही यह मामला सामने आया, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बंगाली मूल के 36 लोगों को हिरासत में ले लिया। उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है और उनकी भूमिका की हर कोण से जांच की जा रही है।
इस बीच, क्षेत्रीय भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने इस घटनाक्रम को सुरक्षा में गंभीर चूक बताया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक मामले की पूरी जांच और समाधान नहीं हो जाता, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा स्थगित किया जाना चाहिए।
कंपनी की तरफ से आए एरिया मैनेजर कुलदीप शर्मा ने स्वीकार किया कि कार्य आरंभ करने से पहले प्रशासन को सूचना नहीं दी गई थी और एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन भी नहीं किया गया। उन्होंने इसे ‘चूक’ बताते हुए आगे से सतर्कता बरतने की बात कही।
वहीं, अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली, प्रशासन ने पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर भेजी। जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई।
पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है और बम निरोधक दस्ते (बॉम्ब स्क्वायड) की सहायता से इलाके की जांच की जा रही है। जगह-जगह PAC और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, जिससे कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
ग्रामीणों की मानें तो कंपनी ने बिना पूर्व जानकारी के उनकी जमीनों पर ड्रिलिंग की और विस्फोटक डाल दिए, जिससे उनके घरों में दरारें पड़ने लगी हैं। ग्राम प्रधान सहित स्थानीय लोगों में भारी रोष है और वे कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इस घटना ने न सिर्फ प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा किया है, बल्कि मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खोल दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस संकट को किस तरह संभालता है और क्या मुख्यमंत्री का दौरा तय समय पर हो पाता है या नहीं।