फिरोजाबाद के एक पेट्रोल पंप पर घटतौली का विरोध करने पर ग्राहक की बेरहमी से पिटाई। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने सेल्समैनों को किया गिरफ्तार।
फिरोजाबाद। जनपद फिरोजाबाद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों की दबंगई देखने को मिली। आरोप है कि ग्राहक द्वारा घटतौली की शिकायत करने पर उसे लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया। यह पूरी घटना वीडियो में कैद हो गई, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
पेट्रोल डलवाने पहुंचा था ग्राहक, कम पेट्रोल डालने पर हुआ विवाद
घटना 13 अप्रैल की रात की बताई जा रही है। थाना दक्षिण क्षेत्र के स्टेशन रोड स्थित एक पेट्रोल पंप पर आलोक नाम का युवक बाइक में पेट्रोल डलवाने पहुंचा था। आलोक के अनुसार, उसने 500 रुपये का पेट्रोल डलवाने को कहा, लेकिन पंप कर्मियों ने केवल 400 रुपये का ही पेट्रोल डाला। जब उसने इस पर आपत्ति जताई और डाले गए पेट्रोल की जांच करने की मांग की, तो सेल्समैन भड़क गए।
विवाद ने लिया हिंसक रूप, कर्मचारी लाठी-डंडा लेकर टूट पड़े
धीरे-धीरे कहासुनी इतनी बढ़ गई कि पेट्रोल पंप के कई कर्मचारी लाठी-डंडा लेकर बाहर आ गए और आलोक की जमकर पिटाई शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मारपीट इतनी बर्बर थी कि अगर मौके पर अन्य ग्राहक बीच-बचाव न करते, तो मामला और बिगड़ सकता था।
पुलिस ने दिखाई तत्परता, मारपीट करने वाले सेल्समैन गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलते ही आलोक ने तुरंत कंट्रोल रूम में कॉल की। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और सभी आरोपित सेल्समैनों को हिरासत में लेकर थाने ले गई।
थाना दक्षिण के इंस्पेक्टर योगेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मारपीट में शामिल कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
वीडियो वायरल होने से बढ़ा मामला, लोगों में आक्रोश
गौरतलब है कि इस पूरी घटना का वीडियो किसी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था, जो अब इंटरनेट पर वायरल हो चुका है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे कर्मचारी एक अकेले ग्राहक पर टूट पड़ते हैं। इससे आम जनता में काफी आक्रोश है और लोग पेट्रोल पंप की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
फिरोजाबाद की यह घटना न सिर्फ प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि आम जनता के लिए भी एक सीख है कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करना कितना जरूरी है। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई से राहत जरूर मिली है, लेकिन यह मामला ईंधन वितरण व्यवस्था और उससे जुड़े कर्मचारियों की जिम्मेदारियों पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
➡️ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट