
अमरोहा जिले में एक युवती ने प्रेमी से शादी की जिद में थाने में आत्महत्या का प्रयास किया। पुलिस की समझाइश और बातचीत के बाद आखिरकार दोनों परिवार शादी के लिए हो गए तैयार। जानिए पूरा मामला।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से सामने आई एक हैरान कर देने वाली घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
जहां एक ओर समाज में प्रेम विवाह को लेकर अभी भी कई बंदिशें हैं, वहीं दूसरी ओर एक युवती ने अपने प्रेमी से विवाह की इच्छा को लेकर ऐसा साहसिक कदम उठाया, जिसकी गूंज पूरे जिले में सुनाई दी। यह मामला डिडौली कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है, जहां युवती ने थाने में आत्महत्या करने का प्रयास किया।
दरअसल, सूत्रों के अनुसार, यह प्रेम कहानी दो वर्षों से परवान चढ़ रही थी। एक किसान की बेटी का प्रेम संबंध उसके ही पड़ोस में रहने वाले युवक से था। हालांकि, जब इस रिश्ते की भनक युवती के परिजनों को लगी, तो उन्होंने सख्ती से उसकी गतिविधियों पर लगाम कस दी। इसके परिणामस्वरूप, दोनों प्रेमियों के बीच बातचीत तक बंद हो गई।
लेकिन कहते हैं ना, सच्चा प्रेम कभी रुकता नहीं
बीते सोमवार को युवती ने हिम्मत जुटाई और कोतवाली पहुंच गई। उसके हाथ में एक ब्लेड था और वह साफ तौर पर पुलिस से कह रही थी कि यदि उसकी शादी उसके प्रेमी से नहीं कराई गई, तो वह अपनी जान दे देगी।
इस स्थिति को भांपते हुए, पुलिसकर्मियों ने तत्काल सक्रियता दिखाई।
उन्होंने न सिर्फ युवती को शांत करने का प्रयास किया, बल्कि उसकी बातों को गंभीरता से भी सुना। युवती ने स्पष्ट किया कि वह युवक से प्रेम करती है, लेकिन उनके परिवार इस रिश्ते के खिलाफ हैं।
इसके बाद पुलिस ने उठाया बड़ा कदम
उन्होंने पहले युवती के परिजनों को थाने बुलाया और स्थिति से अवगत कराया। फिर प्रेमी के परिजनों को भी बुलाया गया, ताकि दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत हो सके।
लंबी बातचीत और पुलिस की मध्यस्थता के बाद, एक सकारात्मक मोड़ आया।
जहां पहले दोनों परिवार शादी के खिलाफ थे, वहीं बाद में उन्होंने युवती और युवक के प्रेम को समझते हुए विवाह के लिए सहमति दे दी।
प्रभारी निरीक्षक हरीशवर्धन सिंह ने जानकारी दी कि अब दोनों परिवार विवाह को लेकर सहमत हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि युवती को उसके परिजनों के साथ सुरक्षित रूप से घर भेज दिया गया है।
यह मामला समाज के सामने एक महत्वपूर्ण संदेश भी छोड़ता है। जहां प्रेम को अब भी कई सामाजिक बंदिशों से गुजरना पड़ता है, वहीं युवाओं की भावनाओं को समझना और उनके निर्णयों को सम्मान देना भी समय की मांग है।
अंततः, यह घटना दर्शाती है कि संवाद और समझ से किसी भी कठिन परिस्थिति का हल निकाला जा सकता है।
➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट