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अंतरराष्ट्रीय

सरहद के पार से उठते सवाल : ‘हमें किसने अलग किया? नदी या नफरत? 

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अरमान अली की रिपोर्ट

भारत और पाकिस्तान की सीमा सिर्फ एक भौगोलिक रेखा नहीं, बल्कि इतिहास, संघर्ष और भावनाओं की साक्षी भी रही है। दशकों बीत गए, लेकिन दोनों देशों के बीच जुड़ी हुई संस्कृति, परंपराएं और विरासत आज भी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। सरहद के दोनों तरफ के लोग कई बार यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर हमें अलग करने वाला कौन था? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में उठता है, जो इस बंटवारे की पीड़ा को महसूस करता है।

हाल ही में एक ऐसा ही भावनात्मक क्षण सोशल मीडिया पर देखने को मिला, जब पाकिस्तान की एक व्लॉगर ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) से एक वीडियो साझा किया। वीडियो में वह नीलम नदी के किनारे खड़ी हैं, जो भारत में किशनगंगा के नाम से जानी जाती है। नदी के उस पार भारत की भूमि साफ दिखाई दे रही है। व्लॉगर भावुक होकर कहती हैं,

“इंडिया मेरे सामने है, बस 5 किलोमीटर की दूरी पर। मुझे यह अहसास हो रहा है कि हमें आखिर किसने अलग किया?”

कश्मीर की खूबसूरती में बंटवारे का दर्द

इस वीडियो को व्लॉगर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया, जहां उन्होंने लिखा कि वह बारिश में एक घंटे तक बैठकर इस नजारे को निहारती रहीं और सोचती रहीं कि आखिर वह कौन सी ताकतें हैं जो हमें बांट रही हैं? क्या यह सिर्फ एक नदी है, जिसने हमें अलग कर दिया? या इसके पीछे कोई और बड़ी वजह छिपी है?

उनकी यह बात केवल एक भावनात्मक अभिव्यक्ति नहीं थी, बल्कि एक गहरी कशिश का प्रतीक थी, जो भारत और पाकिस्तान के लाखों लोगों के दिलों में अब भी जिंदा है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़

यह वीडियो वायरल होते ही दोनों देशों के नागरिकों से प्रतिक्रियाओं की बौछार शुरू हो गई। भारतीय और पाकिस्तानी यूजर्स ने अपने-अपने दृष्टिकोण से इस पर टिप्पणी की।

वीडियो देखने के लिए ☝फोटो को क्लिक करें

कुछ भारतीय यूजर्स ने लिखा, “अफसोस मत करिए, यह सब पाकिस्तान की ही देन है। अगर पाकिस्तान ने 1947 से ही सही फैसले लिए होते, तो आज यह नौबत न आती।”

एक अन्य यूजर ने कहा, “जहां से आप यह वीडियो बना रही हैं, वह भी पाकिस्तान द्वारा कब्जा किया गया क्षेत्र है। इसे ‘आजाद कश्मीर’ नहीं, बल्कि ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर’ कहना चाहिए।”

कई लोगों ने तर्क दिया कि यह सिर्फ नदी का मामला नहीं है, बल्कि राजनीतिक दुश्मनी और नफरत की वजह से हम बंटे हैं।

एक कमेंट में किसी ने लिखा, 

“नदी ने नहीं, नफरत ने हमें अलग किया है। अगर हुक्मरानों की सोच सही होती, तो आज यह नदी हमें अलग करने के बजाय जोड़ रही होती।”

क्या इस दूरी को पाटना संभव है?

यह पहली बार नहीं है जब भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच की भावनात्मक कड़ी सोशल मीडिया पर सामने आई हो। अक्सर पाकिस्तानी युवा यह सवाल उठाते हैं कि आखिर हमें किसने बांटा? लेकिन हकीकत यह है कि यह सिर्फ बंटवारे की एक लकीर नहीं थी, बल्कि एक राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य फैसलों का नतीजा था, जिसने दो देशों को एक-दूसरे से अलग कर दिया।

क्या भविष्य में यह फासला कम होगा?

क्या दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे से उसी तरह मिल पाएंगे, जैसे कभी बंटवारे से पहले मिलते थे?

या फिर यह दूरी इतिहास, राजनीति और संघर्षों के बीच यूं ही बनी रहेगी?

इस सवाल का जवाब न तो किसी नदी के पास है और न ही किसी वीडियो में, बल्कि इसे तय करना होगा भारत और पाकिस्तान के नागरिकों व हुक्मरानों को।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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