google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
Gonda

भू-माफियाओं की बड़ी साजिश का 45 सालों बाद पर्दाफाश, आगे पढिए क्या कार्रवाई की डीएम ने

IMG-20250425-WA1620
IMG-20250425-WA0001
IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
218 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

गोण्डा जिले में भू-माफियाओं द्वारा सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर पैतृक भूमि हड़पने की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। डीएम नेहा शर्मा की जांच में यह सामने आया कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 1979 के दस्तावेजों में कूटरचना की गई। इस जालसाजी के जरिए भू-माफियाओं ने वर्ष 2019 में इस भूमि का फर्जी बैनामा करवा लिया। समाधान दिवस पर इस मामले की शिकायत मिलने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए थे। अब जांच में साजिश का पर्दाफाश होने के बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

[the_ad id=”122669″]

समाधान दिवस पर सामने आई शिकायत

यह मामला गोण्डा जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम डड़वा दसवतिया का है। यहां के निवासी पवन कुमार सिंह ने 4 जनवरी 2025 को डीएम नेहा शर्मा को शिकायत पत्र सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पैतृक भूमि, गाटा संख्या-196 मि0 (1.914 हेक्टेयर), को भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़पने की कोशिश की। पवन कुमार ने बताया कि उप निबंधक कार्यालय गोण्डा के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 1979 के जिल्द संख्या-904 के विलेख संख्या-163 के वास्तविक पन्नों को हटा दिया गया और उनकी जगह कूटरचित पन्ने लगाए गए।

फर्जी दस्तावेजों से हुआ भूमि का बैनामा

शिकायत के अनुसार, इन कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर गोरखनाथ सिंह के नाम से फर्जी विलेख तैयार किया गया। इसके बाद वर्ष 2019 में अजय सिंह और अशोक कुमार सिंह ने इस फर्जी विलेख के जरिए जमीन का बैनामा करवा लिया। पवन कुमार सिंह ने इसे प्रशासन के सामने रखते हुए न्याय की मांग की।

जांच में सामने आया बड़ा खुलासा

शिकायत मिलने के बाद डीएम नेहा शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट में यह साबित हुआ कि विलेख संख्या-163 में कूटरचना की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उक्त दस्तावेज अन्य दस्तावेजों से मानक और स्वरूप में भिन्न थे। इसमें सरकारी प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर जालसाजी की गई थी।

दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

जांच रिपोर्ट के बाद डीएम नेहा शर्मा ने इस कूटरचना और फर्जी हस्तांतरण को गंभीर अपराध मानते हुए दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन भू-माफियाओं और सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शेगा नहीं। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाकर प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें।

प्रशासन सतर्क, नहीं बख्शे जाएंगे दोषी

इस मामले ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिकाओं पर भी सवाल खड़े किए हैं। डीएम ने स्पष्ट कहा कि सरकारी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग और कूटरचना जैसे अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और भू-माफियाओं की हर साजिश पर कड़ी नजर रखेगा।

यह मामला न केवल जमीन से जुड़े धोखाधड़ी का है, बल्कि सरकारी अभिलेखों की सुरक्षा और निष्पक्षता पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। अब देखना होगा कि इस मामले में दोषियों को कब तक न्याय के कटघरे में लाया जाता है।

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close