चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
325 लाख का जुर्माना, लेकिन वसूली सिर्फ 3 लाख: बिजली चोरी पर बड़ी लापरवाही
गोंडा जिले में बिजली चोरी की घटनाएं लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं। पिछले आठ महीनों में, विजिलेंस टीम ने जिले में 304 स्थानों पर बिजली चोरी के मामले पकड़े, जबकि बिजली विभाग ने मात्र 66 मामलों की पहचान की। इन 282 मामलों में कुल 325.12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, लेकिन राजस्व वसूली केवल 3.40 लाख रुपये (लगभग 1.05%) ही हो पाई।
बिजली चोरी की रोकथाम के लिए विभागीय कार्रवाई भी की गई है। हाल ही में, पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह के नेतृत्व में करनैलगंज क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें बकाया बिलों की वसूली और अवैध कनेक्शनों की जांच की गई। इस दौरान 140 बकायेदारों के कनेक्शन काटे गए और लगभग 15 लाख रुपये की वसूली की गई।
वर्तमान में, गोंडा जिले की विद्युत व्यवस्था में कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। कई क्षेत्रों में जर्जर तारों और खंभों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। कर्नलगंज कस्बे के सदर बाजार मोहल्ले में पिछले चार महीनों से एक टूटा हुआ विद्युत पोल पेड़ की टहनी के सहारे खड़ा है, जिससे बड़ी दुर्घटना की आशंका है।
इसके अतिरिक्त, विद्युत आपूर्ति में अनियमितता और अघोषित कटौती से उपभोक्ताओं में आक्रोश है। उमरी बेगमगंज क्षेत्र में 30 घंटे से अधिक समय तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने से लगभग 20,000 की आबादी प्रभावित हुई। लोगों का कहना है कि विभाग ने कुछ गांवों को वीआईपी श्रेणी में रखा है, जिससे भेदभाव की भावना बढ़ रही है।
गोंडा जिले में बिजली विभाग के संविदा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने क्रमिक अनशन प्रारंभ किया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 14 अक्टूबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में वेतन वृद्धि, सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता, और बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती जिलों में हो रहे शोषण को समाप्त करना शामिल है। विशेष रूप से, बहराइच में रामा इन्फोटेक कंपनी द्वारा संविदा कर्मचारियों से लिए गए 25-25 हजार रुपये की वापसी, बलरामपुर में अवर अभियंता द्वारा काटे गए वेतन की बहाली, और ईपीएफ के पैसे की पारदर्शिता की मांग की गई है।
संविदा कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया है कि कार्य के दौरान दुर्घटनाओं की स्थिति में उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती, और विभागीय अधिकारी उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं। यदि 14 अक्टूबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो संविदा कर्मचारी पूर्ण कार्य बहिष्कार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विद्युत विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें जनप्रतिनिधियों ने जर्जर तारों, खंभों और विद्युत आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं को उठाया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जर्जर तारों का सर्वेक्षण कर जल्द से जल्द नए तार लगाए जाएं और विद्युत लाइनों पर लटकी टहनियों को हटाया जाए।
सारांशतः, गोंडा जिले में बिजली चोरी की घटनाओं में वृद्धि, जर्जर बुनियादी ढांचा, अनियमित विद्युत आपूर्ति और कर्मचारियों की समस्याओं के कारण विद्युत व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इन चुनौतियों के समाधान के लिए सख्त निगरानी, बुनियादी ढांचे का सुधार और कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।