अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
बलरामपुर जिले में विकास कार्यों की गति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। हाल ही में, जिले की 793 ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए 17 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है, जिससे पंचायत भवनों, विद्यालयों की चारदीवारी, नाली, खड़ंजा और पेयजल जैसी सुविधाओं का निर्माण होगा।
इसके अतिरिक्त, तुलसीपुर नगर पंचायत के विकास कार्यों को गति देने के लिए लगभग 18 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है, जो पिछले तीन वर्षों से बजट के अभाव में रुके हुए कार्यों को पुनः प्रारंभ करेगा।
हालांकि, कुछ ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में धांधली की शिकायतें भी सामने आई हैं। रेहरा बाजार विकासखंड की बुधीपुर पंचायत में विकास कार्यों में फर्जी बिलों के माध्यम से 20 लाख रुपये के घोटाले का मामला प्रकाश में आया है, जिसमें शौचालय निर्माण में भी गड़बड़ी की गई है।
इसी प्रकार, हरहटा गांव के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान और सचिव पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जहां लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है।
इन शिकायतों के मद्देनजर, जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) ने सभी विकास खंडों के एडीओ पंचायतों से विकास कार्यों के खर्च का ब्योरा मांगा है, ताकि धनराशि के उपयोग की जांच की जा सके और गड़बड़ी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जा सके।
कुल मिलाकर, बलरामपुर जिले में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की गई है, लेकिन पंचायत स्तर पर धांधली की घटनाएं चिंता का विषय हैं। इन मामलों की जांच और निगरानी से विकास कार्यों की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है।