डीएम ने गो आश्रय स्थलों की दुर्व्यवस्थाओं पर सख्त कार्रवाई, सेक्रेटरी, प्रधान व केयरटेकर पर एफआईआर का आदेश

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

गोंडा: जिले में गो आश्रय स्थलों की दुर्व्यवस्था और लापरवाही पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। बेलसर विकासखंड के पकवान गांव और ताराडीह ग्राम पंचायत स्थित अस्थायी गो आश्रय स्थलों पर निरीक्षण के दौरान मिली खामियों को गंभीर मानते हुए संबंधित ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और केयरटेकर पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है।

निरीक्षण में उजागर हुईं गंभीर खामियां

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और निरीक्षण टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, पकवान गांव और ताराडीह के गो आश्रय स्थलों पर ठंड से बचाव और गोवंशों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव पाया गया। आश्रय स्थलों में ठंड से बचाव के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। इन खामियों को देखते हुए जिलाधिकारी ने इसे सरकारी धन के दुरुपयोग और पशुओं के प्रति असंवेदनशीलता का मामला माना और सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।

सभी गो आश्रय स्थलों की व्यापक जांच का आदेश

जिलाधिकारी ने जनपद के सभी गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण करने और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, प्रत्येक गो आश्रय स्थल की वित्तीय गतिविधियों का आंतरिक ऑडिट करने का भी आदेश दिया गया है, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

लापरवाही पर होगी कठोर कार्रवाई

डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि गोवंशों के रखरखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए गए किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को माफ नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि यह कदम न केवल वर्तमान में व्याप्त समस्याओं को दूर करने के लिए उठाया गया है, बल्कि भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए भी यह जरूरी है।

गोवंशों के बेहतर प्रबंधन का उद्देश्य

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गोवंशों के लिए बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गो आश्रय स्थलों की व्यवस्था को प्राथमिकता दें और किसी भी प्रकार की लापरवाही को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

जिलाधिकारी के इस कदम को जिले में पशु कल्याण के प्रति एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस सख्ती से गोवंशों के संरक्षण और रखरखाव में सुधार होगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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