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27 December 2024 7:40 am

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कौन बनेगा मुख्यमंत्री? भाजपा की ऐतिहासिक जीत, महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका

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विम्रता जयराम हरियाणी की रिपोर्ट

महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की, लेकिन नई सरकार के गठन और मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। चुनाव नतीजों के दो दिन बाद भी महायुति के नेता इस पर आम सहमति नहीं बना पाए हैं कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।

महायुति गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को मात्र 46 सीटों पर संतोष करना पड़ा। भाजपा ने अपने खाते में 132 सीटें डालीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 सीटें मिलीं और अजित पवार की एनसीपी धड़ा 41 सीटें जीतने में कामयाब रही।

इस जीत के बावजूद मुख्यमंत्री पद के लिए महायुति में सहमति नहीं बन सकी है। भाजपा और अजित पवार गुट के कई नेता शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने के पक्ष में नहीं हैं, जबकि कुछ नेता उनके नेतृत्व में शानदार जीत का हवाला देकर उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं।

शिंदे के नाम पर सहमति क्यों नहीं बन पा रही?

भाजपा के कई नेता मानते हैं कि अब मुख्यमंत्री पद पर भाजपा का दावा होना चाहिए। इसके विपरीत, शिंदे के समर्थक “बिहार मॉडल” का हवाला दे रहे हैं, जहां भाजपा ने जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद दिया था। इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेश म्हास्के ने कहा, “शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। उनके नेतृत्व में गठबंधन को शानदार जीत मिली है।”

हालांकि, भाजपा के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि शिंदे को फिर से मौका देने से पार्टी कैडर में असंतोष बढ़ सकता है।

राष्ट्रपति शासन की संभावना खारिज

नई सरकार के गठन में देरी के बीच, यह अफवाहें तेज हो गई थीं कि अगर 26 नवंबर तक नई सरकार नहीं बनी तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। हालांकि, चुनाव अधिकारियों ने इसे खारिज करते हुए कहा कि नामांकन अधिनियम की धारा 73 के तहत नई विधानसभा का गठन पहले ही हो चुका है, और 15वीं विधानसभा का कार्यकाल शुरू हो चुका है।

शरद पवार और अजित पवार की मुलाकातें चर्चा में

भाजपा के कुछ नेताओं ने शरद पवार और अजित पवार की हालिया मुलाकातों पर भी सवाल उठाए हैं। शरद पवार ने रविवार को सतारा में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान से मुलाकात की। वहीं, अजित पवार ने मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की, लेकिन इसे यशवंतराव चव्हाण संस्थान के एक कार्यक्रम से जोड़कर सामान्य बताया गया।

महायुति में नेतृत्व को लेकर खींचतान

भाजपा के कई नेता आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग कर रहे हैं और अजित पवार धड़े से किसी को मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दे रहे हैं। दूसरी ओर, शिवसेना शिंदे गुट इस पद पर अपना दावा ठोंक रहा है।

विपक्ष की स्थिति

महाविकास अघाड़ी की करारी हार के बाद कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) के कई नेताओं ने भाजपा पर सत्ता हथियाने का आरोप लगाया है। शिवसेना (यूबीटी) ने आदित्य ठाकरे को विधायक दल का नेता चुना है।

आगे की राह

महायुति गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद पर फैसला जल्द ही लिया जाएगा। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस बार मुख्यमंत्री पद पर दावा करती है या एकनाथ शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाए रखती है। चुनावी जीत के बाद भी नेतृत्व को लेकर यह अनिश्चितता महायुति की एकता पर सवाल खड़े कर रही है।

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