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26 December 2024 5:55 pm

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बहराइच दंगे पर सियासत हुई गर्म ; अखिलेश खूब कर रहे हैं चिल्ल पों… 

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा को लेकर राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि इस हिंसा के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का षड्यंत्र है। 

उन्होंने मंगलवार को कहा कि बहराइच में हुए दंगे भाजपा के इशारे पर कराए गए हैं। भाजपा के एक विधायक ने भी अपनी ही पार्टी के नेताओं पर षड्यंत्र रचने और दंगे भड़काने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई है। 

एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें यह साफ दिखाई दे रहा है कि यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश का परिणाम है। अखिलेश यादव का आरोप है कि पुलिस को जानबूझकर हटाया गया या दंगाइयों को खुली छूट दी गई, जो कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।

अखिलेश ने इस घटना की तुलना हिटलर की कार्यशैली से की और कहा कि हिटलर भी इसी तरह से काम करता था, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आगे कर देता था। 

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के पहले डीजीपी, जो खुद इस सरकार के कार्यकाल में नियुक्त किए गए थे, अब पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस पर इतना दबाव है कि वह निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

वहीं, भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह, जो महसी सीट से विधायक हैं, ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष यह आरोप उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए लगा रहे हैं। 

सुरेश्वर सिंह ने दावा किया कि उपचुनाव के बाद स्थिति शांत हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने 18 अक्टूबर को इस संबंध में एफआईआर दर्ज करवाई थी। हालांकि, पहले उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि अर्पित श्रीवास्तव, जिनका नाम घटना में लिया गया है, भाजयुमो (भारतीय जनता युवा मोर्चा) के नेता हैं।

सिंह ने बताया कि बहराइच के नगर क्षेत्र में हुई हिंसा में शामिल लोग नशे में थे और उन्होंने एंबुलेंस और मर्च्यूरी में तोड़फोड़ की। पुलिस घटना से जुड़े सभी लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज की मदद से करेगी और जिनकी गलती साबित होगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बहराइच हिंसा के आरोपियों के घर गिराए जाने के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य प्राधिकरण ध्वस्तीकरण पर रोक के आदेश का उल्लंघन कर कार्रवाई करना चाहता है, तो वह अपने जोखिम पर ऐसा कर सकता है। 

हालांकि, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि सुनवाई पूरी होने तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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